एडीजी अनुराग गुप्ता मामला:अदालत ने राज्य सरकार से पूछा-फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई मूल डिवाइस की जांच रिपोर्ट में क्या मिला है,उसे भी कोर्ट में पेश करें,हाइकोर्ट ने एडीजी की राहत को बरकरार रखा,अगली सुनवाई 6 सितम्बर
राँची।झारखण्ड में राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर झारखण्ड हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। अदालत ने एडीजी अनुराग गुप्ता की राहत को बरकरार रखा। पूर्व में कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी और रोक लगाई थी। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 6 सितंबर को सुनवाई होगी। अदालत ने राज्य सरकार से यह पूछा है कि फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई मूल डिवाइस की जांच रिपोर्ट में क्या मिला है उसे भी कोर्ट में पेश करें।
बता दें कि यह मामला जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। इस मामले में अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक है। हालांकि अदालत ने इस मामले में पीसी एक्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जोड़ने पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है और जांच भी जारी रखने की छूट दी है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जा सकता है। दरअसल, एडीजी अनुराग गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में पीसी एक्ट जोड़े जाने को चुनौती दी है।जिसमें पूर्व में सुनवाई के दौरान अनुराग गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा ने कहा था कि राज्य सरकार एडीजी अनुराग गुप्ता को परेशान करने की मंशा से इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए आवेदन दिया है। यह घटना वर्ष 2016 की है। एक सीडी के आधार पर चुनाव आयोग के निर्देश पर 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें जमानतीय धाराएं लगाई गई थी। फारेंसिक लैब ने सीडी को पूरी तरह से सही नहीं माना और मूल डिवाइस की मांग की। फरवरी 2021 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मूल डिवाइस को जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है।