Ranchi:रिम्स से इलाजरत फरार कैदी सूरज मुंडा ने चुटिया थाना में किया सरेंडर,कहा-किसी को नहीं देखा तो भाग गए…
राँची।रिम्स से इलाजरत फरार विचाराधीन बंदी सूरज मुंडा ने शुक्रवार को चुटिया थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार के समक्ष सरेंडर कर दिया। वह 31 अक्टूबर को शौच जाने के लिए रात 2.30 बजे अपने बेड से उठा। उसके बाद फरार हो गया था। उसने हथकड़ी अपने हाथ से निकाल ली थी।इसके बाद वह फरार हो गया था। उसकी सुरक्षा में आरक्षी मंगल सिंह पिंगुवा, दिलीप कुमार सिंह और बल चरण उरांव को लगया गया था।जिन्हें घटना के बाद एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है। विचाराधीन कैदी सूरज मुंडा को मेडिसीन के आईसीयू बेड संख्या तीन पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। चुटिया थाना की पुलिस ने उसे एक चोरी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
जानकारी के मुताबिक आरोपी सूरज मुंडा रिम्स से भाग कर इधर उधर छिप कर रह रहा था। शुक्रवार को वह अपने घर चुटिया पहुंचा था।जैसे ही इसकी जानकारी चुटिया के ही दो समाजसेवी रवि गोप और कुलदीप लोहरा को लगा उन्होंने उसपर दबाव बनाया।दोनों ने सूरज से कहा ये गलत है,पहले से जेल में बंद था फिर भागकर और केस दर्ज करवा लिया। ज्यादा दिन पुलिस से बच नहीं पाएंगे।कबतक इधर उधर भागता रहेगा।एक तो तबियत खराब है।इसलिए सीधे थाना जाकर सरेंडर करो।वहीं चुटिया थाना के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर वेंकटेश कुमार ने भी उसपर दबाव बनाया।ताबड़तोड़ छापेमारी कर उसके कई रिश्तेदारों से पूछताछ की।पुलिस के भारी दबाव से और दोनो समाजसेवी की पहल के बाद सूरज मुंडा अपनी पत्नी और भाई और स्थानीय समाजसेवी के साथ शुक्रवार देर शाम थाना पहुंचा और सूरज ने सरेंडर किया।
इधर इसकी जानकारी चुटिया थाना प्रभारी ने वरीय पुलिस अधिकारियों सहित बरियातू थाने को दे दी है। क्योंकि उसके भागने के बाद बरियातू थाने में उसके विरुद्ध एक और केस दर्ज हुआ था।
सूरज मुंडा ने बताया कि जिस रात वे भागे थे।उस दिन जब उसकी नींद खुली तो कोई नहीं था।जब अस्पताल से भागने लगा तो एक सिपाही आराम से सोया हुआ था।करीब एक घण्टे तक इधर उधर देखें।फिर बाहर निकल गए।उसके बाद पैदल ही घूमते हुए रिम्स-कोकर रास्ते से कोकर पहुँचे।तबीयत ठीक नहीं लगने के कारण कोकर में सड़क किनारे बैठ गए।फिर वहाँ से दिन में स्टेशन की ओर आये वहाँ से आज सुबह घर पहुँचे थे।