Jharkhand: हजारीबाग के बरही में रूपेश पांडेय हत्‍याकांड में CBI की इंट्री,भीड़ ने रुपेश को जान से मार दिया…..

हजारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बरही में भीड़ की हिंसा का शिकार बने रूपेश पांडेय हत्याकांड का मामला सीबीआइ को सौंप दिए जाने के बाद अब इसमें अधिकृत तौर पर प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है। प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही लोगों को न्याय की उम्मीद भी बढ़ गई है। झारखण्ड में इस घटना के बाद लंबे समय तक सामाजिक और राजनी‍ति‍क तौर पर विरोध प्रदर्शन हुए। मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने का निर्देश दिया था और अब जाकर इसकी प्राथमिकी सीबीआइ ने दर्ज कर ली है। यह रूपेश को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के लिए भी बड़ी जीत है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बरही थाने में दर्ज दोनों मामलों का टेकओवर कर लिया है और अब नए सिरे से पड़ताल की उम्मीद बढ़ गई है। हजारीबाग के बरही में सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस देखने के लिए घर से बाहर निकले रूपेश पांडेय की हत्या भीड़ की हिंसा में हो गई थी। हत्या के बाद क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक तौर पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से न्याय के लिए फरियाद की जाने लगी। स्थानीय पुलिस की गतिविधियों से परिजनों और रूपेश पांडेय के पक्ष के लोगों को निराशा होने लगी थी।इस बीच, मामले में बरही थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गईं लेकिन, न्याय की उम्मीद लेकर परिजनों ने इसके लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच एजेंसी को दी जिसके बाद यह मामला सीबीआइ ने दर्ज किया है। फरवरी में हुई इस घटना से पूरा प्रदेश सन्न था और सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की संभावना भी दिख रही थी। प्रदेश में लोगों के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने भी सीबीआइ जांच की मांग काे स्वीकार कर लिया था।अब जाकर पूरे समाज को न्याय की उम्मीद जगी है और प्रदेश सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना भी प्रबल हुई है। सीबीआइ जांच से पूरे में मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होने की उम्मीद की जा रही है। अब जरूरत है कि सीबीआइ की जांच शीघ्र पूरी हो जाए ताकि लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़े।

रूपेश पांडेय हत्याकांड में सीबीआइ ने दर्ज की दो प्राथमिकिया

हजारीबाग के बरही में छह फरवरी को मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन जुलूस देखने पहुंचे रूपेश पांडेय नामक युवक की हत्या मामले में बरही थाने में दोनों तरफ से दर्ज दोनों प्राथमिकियों को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। झारखण्ड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो शाखा में दोनों केस दर्ज हैं। इनमें बरही थाना कांड संख्या 59/2022 के सभी 27 नामजद व अन्य अज्ञात तथा कांड संख्या 63/2022 के 87 नामजद व अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। कांड संख्या 59/22 में दर्ज केस के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो के इंस्पेक्टर प्रशांत यादव बनाए गए हैं। वहीं, दूसरे कांड 63/22 में दर्ज केस के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ पटना के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह कुशवाहा बनाए गए हैं।

क्या है सीबीआइ में दर्ज दोनों प्राथमिकियां

प्राथमिकी संख्या एक : बरही थाने में कांड संख्या 59/2022 के शिकायतकर्ता रूपेश पांडेय के चाचा अनिल कुमार पांडेय थे। वे थाना क्षेत्र के नईटांड़ पिपराघोघर के रहने वाले हैं। उनका आरोप था कि छह फरवरी की शाम पांच बजे रूपेश पांडेय को उसके मित्र दिवाकर कुमार चौधरी, हिमांशु कुमार ने फोन कर बरही के दुलमाहा में सरस्वती पूजा देखने के लिए बुलाया था। वहां पहुंचने पर मुख्य आरोपी मोहम्मद असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के इशारे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रूपेश पांडेय को पटक-पटककर बेरहमी से मार दिया था, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। इस केस में बनाए गए नामजद आरोपियों में मो. असलम अंसारी, मो. अमिश, मो. कैफ, मो. गुफरान, मो. चांद, मो. ओसमा, मो. अहताम, मो. जाहिद, मो. सोनू, मो. शहबाज, मो. फैजल, मो. चांद, मो. अमन, मो. आसिफ, मो. जासिद, मो. रिजवान, मो. सलमान, मो. इरफान, मो. सलमान, मो. छोटे, मो. इश्तेखार, मो. तैय्यब, मो. सादिक, मो. इकबाल, मो. हसन, मो. अनीश और मो. साहेब शामिल हैं। इसके अलावा अन्य अज्ञात पर भी प्राथमिकी दर्ज है।

प्राथमिकी संख्या दो : दूसरे पक्ष की ओर से बरही थाना में कांड संख्या 63/22 में दर्ज प्राथमिकी में हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र के दुलमाहा गांव निवासी मोहम्मद गयूर शिकायतकर्ता हैं। उन्होंने 87 नामजद व अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे सीबीआइ ने टेकओवर किया है। इसमें आरोप है कि बड़ी संख्या में लोग घटना के बाद छह फरवरी की शाम 7.30 बजे दुलमाहा के मुस्लिम मुहल्ले में घुस गए और घरों में आगजनी की तथा ईंट व पत्थर चलाए। भीड़ ने नारेबाजी के साथ घरों में तोड़ फोड़ की। सीबीआई की दर्ज प्राथमिकी में जिन्हें नामजद आरोपी बनाया गया है उनमें गुलशन यादव, हिमांशु यादव, त्रिवेणी यादव, सागर राम, सुखदेव साव, मोहन साव, दीपक साव, सुधीर साव, संतोष साव, मोहन प्रजापति, नंद किशोर गुप्ता, कमल शंकर पंडित, मनु कुमार यादव, राहुल राम, ऋषि पासवान, लोकेश राम, विक्की पासवान, जगेश्वर पासवान, सिंटू पासवान, गुरदेव कुमार गुप्ता, अरविंद कुमार, अर्जुन पंडित, गोविंद पंडित, सरयू पासवान, छोटू पांडेय, रंजीत पांडेय, गुरदेव साव, नंदो, सीताराम, चंदन सिंह, पिंटू केशरी, भीम केसरी, लोकेश राम, राहुल राम, संतोष पंडित, विनोद साव, बंटी रजक, शंकर पंडित, कैलाश ठाकुर, बादल सोनी, अभय सोनी, पवन केशरी, अनूप साव, प्रकाश साव, विरेंद्र रजक, अनुज साव, मनोज साव, रोबिन कर्णदेव, सुखदेव साव, सुधीर राम, सुनील राम, राजेश साव, अंशु कुमार भगत, कमल शंकर, बिनोद यादव, मेघलाल यादव, सुरेश साव, संजय साव, राजेश कुमार गुप्ता, पिंटू कुमार चंद्रवंशी, राजेश साव, अभिषेक पांडेय, छोटी पांडेय, लोकेश राम, छोटू राम, दिलीप यादव, सुबोध पांडेय, जितेंद्र पांडेय, चिन पांडेय, रसी चंद्रवंशी, सोनू चंद्रवंशी, बबलू राम, उपेंद्र पांडेय, संदीप पांडेय, संजय साव, थापा राणा, रोहित केशरी, राजा भगत, संदीप केशरी, बंटी भगत, शुभम केशरी, पवन कुमार केशरी, अभिषेक केशरी, टिंकू केशरी और राजवीर केशरी शामिल हैं।

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