क्रूर पिता की खौफनाक सजा:बेटे ने एक रुपए चुराए,पिता ने खौलते पानी में बेटे का दोनों हाथ डाला,काटने पड़ सकते हैं दोनों पंजे
झारखण्ड न्यूज,राँची
चाईबासा।ऐसी खबर पढ़कर जरूर एक बार एहसास होगा कि एक रुपये को कीमत क्या है।जहां एक बच्चे की छोटी सी भूल के लिए क्रूर पिता ने ऐसी सजा दी कि उसे जिंदगीभर अपाहिज बनकर रहना हाेगा। ये मामला है पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी में लुगुनसाई गांव निवासी 12 साल के बुधराम काे पावरोटी खाने की इच्छा थी। लालच में उसने पिता चिंता बाेयपाई की जेब से एक रुपए चुरा लिए। इसकी जानकारी पिता काे लगी ताे पहले उसने जमकर पिटाई की ‘और फिर गुस्से में खौलते पानी में बेटे का दोनों हाथ डाल दिया। इससे बुधराम बुरी तरह जल गया था। उसने बेटे का इलाज गांव के डाॅक्टर से कराया।जब बच्चे की हालत बिगड़ी ताे उसे चाईबासा सीएच में भर्ती कराया गया है। अब डाॅक्टराें का कहना है कि इन्फेक्शन ऐसा हाे गया कि दोनों हाथाें के पंजे काटने पड़ सकते हैं।बताया गया कि घटना डेढ़ महीना पहले की है। चाेरी-छिपे इलाज कराने के कारण मामला दबा रहा। बच्चे की स्थिति गंभीर हाेने पर मंगलवार काे उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि बुधराम का बेहतर इलाज करा सकें। बेड पर पड़ा बुधराम हमेशा दर्द से कराह रहा है। इधर, बुधवार काे जानकारी पाकर उपायुक्त अनन्य मित्तल सदर अस्पताल पहुंचे। उन्हाेंने बच्चे को देखा। कहा-बेहतर इलाज के लिए चाईबासा से बाहर भेजा गया है। इसकी व्यवस्था की जा रही है। मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंचने के बाद आराेपी पिता फरार हाे गया है।
बुधराम बाेला-खाना नहीं मिला, इसलिए चाेरी की थी
इधर अस्पताल में कराहते हुए बुधराम ने कहा कि खाना नहीं मिला था। उसे भूख लगी थी। पड़ाेस की दुकान में पावराेटी बिक रहा था। देखकर मुझे लालच आ गई इसलिए मैंने पैसे चुराए। पिता की जेब से एक रुपए था। उससे पावराेटी खरीदकर खा लिया। चाेरी की जानकारी पिता काे मिली ताे उन्हाेंने पिटाई की। इसके बाद दाेनाें हाथ बांधकर गर्म पानी में डूबाे दिया। उस समय सदर अस्पताल में इलाज कराया गया। फिर गांव में ही इलाज चल रहा था। पिताजी हमेशा मुझकाे मारा-पीटा करते हैं।
चिंता ने की दाे शादियां,दाेनाें पत्नियाें से आठ बच्चे
बुधराम के पिता चिंता बाेयपाई ने दाे शादियां की है। दाेनाें पत्नियाें से आठ बच्चे हैं। पहली पत्नी साेमवारी बाेयपाई से 5 और दूसरी की तीन संतानें हैं। बुधराम पहली पत्नी का बेटा है। साेमवारी के अनुसार, आर्थािक तंगी के कारण परिवार की हालत दयनीय है। आयुष्मान कार्ड भी पास में नहीं है। ऐसे में बच्चे का इलाज नहीं करा सकती। डाॅक्टराें ने गुरुवार काे एक्स-रे कराने काे कहा है।
बच्चे को देखने उपायुक्त पहुंचे सदर अस्पताल बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेजने की तैयारी
उपायुक्त अनन्य मित्तल बुधवार को सदर अस्पताल में मंगलवार को दुबारा एडमिट कराए गए 11 वर्षीय झींकपानी के वर्न पेशेंट बुधराम बोयपाई को देखने मेल वार्ड पहुंचे। उपायुक्त मेल वार्ड के स्वास्थ्य कर्मियों व डाक्टर्स से मिले और बच्चे के बीएसटी एक्स-रे एवं फोटोग्राफ्स आदि देखा।इस क्रम में डाक्टर व उपायुक्त ने बच्चे के बेहतर इलाज के लिए सरकारी खर्चे पर रिम्स ले जाने की सलाह बच्चे की मां को दी। बच्चे को रिम्स रेफर किये जाने के बाद अब बेहतर इलाज के लिए बच्चे रिम्स भेजा अब बच्चे का इलाज रिम्स में होगी।
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