कोरोना से झारखण्ड के लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय का निधन,दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस रात 2.30 बजे ली

राँची।कोरोना संक्रमण से झारखण्ड के लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय का निधन हो गया है।कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया है। सोमवार की रात करीब 2.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।बताया जा रहा है कि 15 मई से कोरोना संक्रमित थे। इसके बाद 18 मई को राँची के बरियातू स्थित रामप्यारी अस्पताल में एडमिट हुए थे। स्थिति ठीक ना होने पर 25 मई को मेडिका अस्पताल में एडमिट कराया गया।वहाँ भी स्थिति गंभीर होने पर 11 जून को एम्स दिल्ली में वेंटिलेशन पर उन्हें भर्ती कराया गया।गौरतलब है कि अभी लोकायुक्त झारखण्ड के पद पर उनका एक साल का कार्यकाल शेष था। जस्टिस डीएन उपाध्याय 67 साल के थे। फरवरी 2022 में लोकायुक्त झारखण्ड के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे।झारखण्ड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद पांच साल के लिए लोकायुक्त नियुक्त किये गए थे।

जमशेदपुर में जन्म लिए और प्रारंभिक शिक्षा से लेकर वकालत शुरू वहीं से किये

जस्टिस ध्रुव नारायण उपाध्याय (डीएन उपाध्याय) का जन्म जमशेदपुर में 10 अगस्त 1954 को हुआ था।उन्होंने आर डी टाटा हायर सेकेंडरी स्कूल जमशेदपुर से स्कूलिंग की थी। इसके बाद उन्होंने कोऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से स्नातक करने के बाद वहीं से एलएलबी पूरा किया था। 3 जनवरी 1979 को उन्होंने जमशेदपुर सिविल कोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। वहां 1997 तक उन्होंने वकालत की। इस दरमियान 1992 से 1996 तक वे जिला बार एसोसिएशन जमशेदपुर के महासचिव भी रहे। इसी अवधि में करीब 6 महीने तक को ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर के लॉ विभाग में अतिथि शिक्षक भी रहे।बिहार सुपीरियर न्यायिक सेवा के तहत वे मई 1997 में गिरिडीह के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज बने। इसके बाद वे साहिबगंज गिरिडीह और धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बने। न्यायायुक्त राँची, ज्यूडिशल अकैडमी झारखण्ड के निदेशक, झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड के सीनियर लॉ एडवाइजर के बाद वे 27 अप्रैल 2011 को झारखण्ड हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने। 31 जनवरी 2013 को उन्होंने झारखण्ड हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। 9 फरवरी 2016 को वे झारखण्ड के लोकायुक्त नियुक्त किये गए। 13 फरवरी 2017 को उन्होंने लोकायुक्त का पद ग्रहण किया था।