लोहरदगा में नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए जवान को गांव वालों ने दी नम आंखों से अंतिम विदाई
गुमला/जारी। लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के दुदरु जंगल के पास मंगलवार को नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए परमवीर अल्बर्ट एक्का जारी प्रखंड के कटिम्बा गांव निवासी सैट के शहीद जवान दुलेश्वर प्रास का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव कटिंबा 10:15 में पहुंचा।यहां नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी गई।इस दौरान जनप्रतिनिधि जिला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।शहीद के पार्थिव शरीर को गुमला के पुलिस लाइन से सड़क मार्ग से होते हुए शहीद के पैतृक घर कटिंबा लाया गया।
पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में दुलेश्वर प्रास अमर रहे अमर रहे।के नारों से गूंज उठे।परमवीर अल्बर्ट एक्का के माटी के इस लाल के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही और जनप्रतिनिधि के अलावा जिला प्रशासन मौजूद रहे।
बताते चलें कि दुलेश्वर प्रास लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के दुदरु जंगल के पास मंगलवार को नक्सलियों के इंप्रोवाइजड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) ब्लास्ट में शहीद हो गए थे।शहीद जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार की देर रात में गुमला पुलिस लाइन लाया गया था। इसके बाद पुलिस लाइन में एसपी हरदीप पी जनार्दन एएसपी,सीआरपीएफ के अधिकारी समेत कई पुलिस पदाधिकारियों ने सलामी दिया।साथ ही पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
शहीद जवान दुलेश्वर प्रास का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही उनकी पत्नी व बच्चो का रो रो कर बुरा हाल था।वही पत्नी रेखा देवी बार बार बेहोस हो रही थी।परिजन व ग्रामीण का भी रो-रो कर बुरा हाल था।
जैसे ही शहीद दुलेश्वर परास की पार्थिव शरीर गांव में प्रवेश किया।वैसे ही पूरे गांव के लोग अपने आप को रोने से नहीं रोक पाए उस वक्त गांव का माहौल बहुत ही गमगीन था।जैसे ही शहीद के पार्थिव शरीर घर के बाहर पहुंचा।वैसे ही सभी लोग गाड़ी की ओर भागते चले गए।लेकिन मौके पर उपस्थित एसडीपीओ कुलदीप कुमार ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर धैर्य रखने को कहा जिसके बाद दुलेश्वर प्रास अमर रहे,भारत माता की जय के नारा से पूरा गांव गूंज उठा शहीद के एक झलक पाने के लिए लोग अड़े रहे।वहीं कुछ लोगों को कहते सुना गया कि अपने आप को गरीबों का मसीहा कहने वाले नक्सलियों ने एक गरीब किसान के बेटे की जान ले ली।अपनी कायराना हरकत से नक्सलियों ने तीन मासूमों को अनाथ कर दिया।लोहरदगा में शहीद हुए जवान दुलेश्वर प्रास की पत्नी और बच्चों के रूदन के आगे पूरे गांव भी रो दिए।उनके श्रद्धांजलि के दौरान काफी भीड़ थी।रोते बिलखते इन मासूमों के सर से उनके पिता का साया उठ चुका है। गरीबों का हिमायती बताने वाले नक्सलियों ने उनके पिता को हमेशा के लिए जुदा कर दिया।मौजूद लोगों के आंखों से भी आंसू निकल गए। शहीद दुलेश्वर के 9 वर्षीय बेटे शिवान को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उनके पिता क्यों ताबूत में बंद हैं।वह हैरान भरी नजरों से सबको देख रहा था।वहीं 13 वर्षीय बेटा सत्यम और 12 वर्षीय बेटी सत्यवती को यह अनुमान हो गया था। कि उनके पिता का साया उनके सर पर हमेशा के लिए उठ गया है।तीनो बच्चों का रो रो कर बुरा हाल था।
श्रधांजलि अर्पित करने वालो में एसडीपीओ कुलदीप कुमार इंस्पेक्टर अनुप बी.केरकेट्टा,गुमला पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष सहदेव भगत,उपाध्यक्ष वरूण कुमार,सचिव मनीष सिंह,कोषाध्यक्ष मनोज पासवान,संयुक्त सचिव शशि कान्त गोप,लोहरदगा जिला पुलिस एसोशिएशन के अध्यक्ष पाँसिना दिग्गी उपाध्यक्ष जेबियर लुगून,सचिव भरतचन्द्र महतो कोषाध्यक्ष बिगनी लकड़ा, सचिव श्याम रंजन कुमार,इकबाल हुसैन एवं सार्जेंट पप्पू विश्वकर्मा जारी थाना के प्रशिक्षु दरोगा दीपक रोशन,विवेक पाण्डेय, भाजपा महामंत्री मिसिर कुजूर,दिलीप बड़ाईक,अवधेश प्रताप शाहदेव,कामेश साय,शीतल खलखो,सतेन्द्र सिंह सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।