Ranchi:सदर अस्पताल में पहली बार लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई,बिरसा चौक के बंधु नगर की रहने वाली 30 साल महिला की गोल ब्लाडर की पथरी की दूरबीन की मदद से सफल ऑपरेशन की गई।
राँची।सदर अस्पताल में मरीजों के लिए सेवा और सुविधाएं लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कई दिनों से अस्पताल के सर्जन डॉ अजित के द्वारा सर्जरियां की जा रही है। शनिवार को सदर अस्पताल में पहली बार लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। डॉ अजित ने बिरसा चौक के बंधु नगर की रहने वाली 30 साल की सुशीला नायक के गोल ब्लाडर की पथरी की दूरबीन की मदद से सफल ऑपरेशन की। डॉ अजित ने बताया कि महिला के गोल ब्लाडर में लंबे समय से पथरी थी। दो महीने पहले अचानक दर्द शुरू हुआ।
शुरुआत में नजरअंदाज करने के बाद दर्द बढ़ता गया। कुछ दिन पहले वह दिखाने सदर अस्पताल पहुंची। डॉ अजित ने अल्ट्रासाउंड कराया, जिसने पता चला की पित्त की थैली में ढेर सारा पथरी जमा था। सभी तरह की जांच के बाद उन्होंने सर्जरी का मन बनाया। शनिवार को उसकी सफल सर्जरी कर पथरी को निकालकर उसे दर्द से राहत दिलाई। ऑपरेशन टीम में सर्जन डॉ अजित, अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एस मंडल, सिस्टर नीलिमा सरकार, माधुरी कुमारी, ओटी असिस्टेंट सुशील कुमार, सरिता, वार्ड अटेंडेंट माधव बंदो आदि शामिल थे।
3 महीने पहले ही हुआ था बच्चा, पेट चीरने से हो सकती थी परेशानी
डॉ अजित ने बताया कि उक्त महिला का तीन महीने पहले सीजेरियन डिलीवरी से बच्चा हुआ था। पहले से उसका पेट चिरा हुआ था। ऐसे में जनरल सर्जरी से परेशानी बढ़ सकती थी। इसे देखते हुए एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। ऑपरेशन दो घंटे तक चला, जिसके बाद सफलतापूर्वक पथरी निकाल ली गई। उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल में इस सर्जरी में 70 से 75 हजार का खर्च आता, जबकि सदर अस्पताल में उक्त सर्जरी आयुष्मान भारत योजना से मुफ्त में की गई।
अस्पताल में पहली बार डॉ अजित के प्रयास से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। अब अस्पताल में उसे नियमित रूप से चालू किया जाएगा। इसके लिए जो भी उपकरणों की आवश्यकता होगी वह जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। सदर अस्पताल को मॉडल बनाया जाएगा, ताकि मरीजों को निजी अस्पताल जाने की जरूरत ना पड़े। – डॉ एस मंडल, चिकित्सा उपाधीक्षक, सदर अस्पताल।