भीषण अग्निकांड में 14 जिंदा जल गए:बिटिया की सुनी आंखें माँ-भाई,दादा-दादी सहित परिवार को ढूंढ रही थी…..इधर घर से लाशें निकल रही थी,उधर बिटिया….
धनबाद।झारखण्ड के धनबाद भीषण अग्निकांड में अब तक 14 की मौत हुई है। मरने वाले सभी एक ही परिवार के हैं। 14 मौत से पूरा शहर शौक में डूब गया है।वहीं इस मंजर को जिसने भी देखा है उसकी रूह कांप गई है।लोगों को तड़प तड़प कर मरता देख आसपास के लोग कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।बता दें जिस घर में ये आग लगी वहां बेटी की शादी थी। इधर आशीर्वाद ट्विन टावर में आगजनी से 14 लोगों की मौत हो चुकी थी, उधर 500 मीटर दूर सिद्धि विनायक मैरिज हॉल में इसी परिवार की बेटी स्वाति की शादी की रस्में चल रही थी।
राँची से देर रात एक पत्रकार जब धनबाद के उस अपार्टमेंट के पास पहुँचा।उन्होंने बताया कि आशीर्वाद ट्विन टावर की तस्वीरें विचलित करने वाली थी। यहां पहुंचकर हमें पता चला कि इसी परिवार की बेटी की शादी यहां से 500 मीटर दूर मैरिज हॉल में हो रही है। इसके बाद टीम वहां पहुंचे। वहां का माहौल बिल्कुल अलग था, सिर झुकाये नम आंखों में बैठे लड़की के पिता और शादी करती दुल्हन। दुल्हन को विदाई तक पता ही नहीं था, कि उसका पूरा परिवार अब इस दुनिया में नहीं रहा।उन्होंने बताया कि ये तस्वीरें कैमरे से लेते वक्त हम भी भावुक हो रहे थे।मैरिज हॉल के एक कोने में खूबसूरत मंडप सजा है। उसी मंडप में बैठी है स्वाति । लगभग 2 घंटे से ज्यादा समय तक वह शादी की तमाम रस्में पूरी करती रही। रस्में पूरी करते हुए उसकी निगाहें अपने उन लोगों की तलाश कर रही होती है, जिनका होना बहुत जरूरी होता है। खासकर तब जब वह एक नए जीवन की शुरुआत कर रही है, लेकिन स्वाति को जरा भी एहसास नहीं होता कि उसकी निगाहें जिस माँ को ढूंढ रही है, अब वह इस दुनिया में नहीं है।
शादी ठीक से हो जाए इसलिए सब जानकर भी अनजान बनते रहे
मंडप के आसपास बैठी महिलाएं और उसके परिवार वाले आपस की बातों में कुछ इस कदर उलझे हुए से दिखाई दे रहे थे कि मानो कुछ हुआ ही नहीं। दरअसल वे सभी चाहते हैं कि स्वाति को इस बात का पता ना चले की शादी के कुछ घंटे पहले आशीर्वाद अपार्टमेंट के जिस फ्लैट में शादी की तैयारियां हो रही थी। वहां भीषण आग लग गई थी और इस आग की चपेट में उसकी मां-भाई समेत पूरा परिवार आ गया।
पिता ने बात करना किया बंद
मैरिज हॉल में थोड़ा अंदर जाने के बाद दुल्हन के रिश्ते में चाचा लगने वाले सुशांत मंडप के ठीक पास ही मिलते हैं पहले तो कुछ भी बोलने से कतराते हैं लेकिन कैमरे के सामने ना आने की शर्त पर वह बताते हैं कि घटना के बारे में स्वाति को नहीं बताया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा पिता की हालत ऐसी नहीं है कि वह बात कर सके। स्वाति के पिता सुबोध श्रीवास्तव मंडप के पास एक कुर्सी में बैठे हुए हैं लेकिन चाह कर भी कन्यादान की रस्म को पूरा नहीं कर पा रहे। इस रस्म को स्वाति के एक भाई ने पूरी की है। पिता की डबडबाई आंखें बिना पूछे सब बात कह दे रही है।
सुबह 5 बजे स्वाति की विदाई हुई। विदाई के वक्त भी स्वाति को नहीं पता था कि उसके घर में ऐसा कुछ हुआ है।और सूनी आंखों के साथ स्वाति की विदाई हुई
अब वो समय आ चुका था, जब बेटी को घर से विदा करना था। मैरिज हॉल का माहौल देखकर हम भी सिहर उठे। वहां का माहौल शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल था। शादी की तमाम रस्में लगभग 2:30 बजे रात पूरी होती हैं। इसके बाद से परिवार वाले इसी मंथन में लगे होते हैं कि विदाई कैसे कराई जाए। सभी कह रहे थे कि कई बहाने बनाकर मां की उपस्थिति के बिना शादी की रस्म तो पूरी हो गई लेकिन विदाई मुश्किल होगी। इसी उधेड़बुन में रात बीत जाती है।
सुबह के 5:00 बज रहे होते हैं और विदाई की रस्में शुरू होती हैं। इस दौरान स्वाति की सूनी आंखें बता रही होती है कि सब कुछ ठीक तो नहीं है, इस बात का उसे एहसास हो गया है। विदाई की रस्म के दौरान परिजन किसी भी तरह की बातचीत से पूरी तरह गुरेज करते हैं और हाथ जोड़कर यह आग्रह भी करते हैं उनकी बेटी की विदाई हो जाने दिया जाए।
धनबाद अग्निकांड में अब तक 14 की मौत हुई है। इसमें 10 महिलाएं, 3 बच्चे और एक बुजुर्ग शामिल हैं। 35 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है। इसमें से कई गंभीर हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आग मंगलवार शाम साढ़े छह बजे जोड़ा फाटक स्थित दस मंजिला आशीर्वाद ट्विन टावर के थर्ड फ्लोर के एक फ्लैट में लगी। पूजा के लिए लगाए गए दीये को बच्चे ने गिरा दिया। आग कारपेट में लगी और पूरे फ्लैट में फैल गई। सिलेंडर की वजह से आग और भड़क गई।