दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के १३ सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ेंगे हिंदी..
राँची।झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं हंगूक अध्ययन विश्वविद्यालय ,दक्षिण कोरिया के साथ हुए समझौता ज्ञापन के तहत विश्व प्रसिद्ध कोरियाई कंपनी सैमसंग के १३ सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार ईस्ट लैंग्वेजेज विभाग में हिंदी पढ़ने के लिए आएंगे। हंगूक विश्वविद्यालय ने सैमसंग कंपनी से आ रहे सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स की सूचि झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय को सौंप दिया है। सैमसंग के सभी इंजिनियर्स हिंदी भाषा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति एवं खास कर झारखण्ड की संस्कृति से भी रूबरू होंगे। फार ईस्ट लैंग्वेजेज के प्राध्यापक एवं प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शशि कुमार मिश्रा ने बताया की झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के आदेशनुसार इस प्रोग्राम के तहत झारखण्ड की आदिवासी कला एवं संस्कृति से सम्बंधित कक्षाएं सम्मिलित की जाएंगी एवं झारखण्ड की भाषाई एवं प्राकृतिक विविधता इत्यादि से सम्बंधित व्याख्यान का भी आयोजन किया जाएगा ताकि हिंदी के साथ साथ उन्हें झारखण्ड कि सांस्कृतिक परम्परा भाषाई एवं प्राकृतिक विविधता से परिचित कराया जा सके।
दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के १३ सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स का सी यू जे में हिंदी पढ़ने आना वास्तव में विश्विद्यालय की एक बड़ी उलब्धि है क्यूंकि आने वाले दिनों में इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। इस प्रोग्राम की रुपरेखा झारखंड केंद्रीय विश्वविद्याल के कुलपति प्रो के बी दास जी के दक्षिण कोरिया के दस दिवसीय दौरे के दौरान तैयार की गयी और कुछ हीं दिनों के अंदर दोनों विश्वविद्यालयों आपसी सहमति से दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के १३ सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स के आमंत्रण को स्वीकृति कर दिया गया। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्याल के कुलपति प्रो के बी दास जी के दक्षिण कोरिया के दस दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने दक्षिण कोरिया के तीन विश्वविद्यालयों – हंगुक विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय,केम्योंग विश्वविद्यालय एवं बुसान विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय का दौरा किया और भारत एवं भारत की उभरती अर्थव्यवस्था,भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं कोरियाई छात्रों के लिए भारत का महत्व जैसे विषयों पर व्याख्यान देने के साथ साथ जो समझौता ज्ञापन सौंपा था अब धीरे धीरे समझौता ज्ञापन का परिणाम आने वाले दिनों में और भी देखने को मिलेंगे जो सी यू जे के शैक्षिण विकास के लिए बहुत हीं महत्वपूर्ण होंगे एवं इसके दूरगामी परिणाम से जल्द हीं छात्र लाभांवित होंगे।