#झारखण्ड के 5 सहित देश के 121अफसरों को बेहतर अनुसंधान के लिए मिलेगा गृह मंत्री मेडल,
झारखण्ड के 5 सहित देश के 121 अफसरों को बेहतर अनुसंधान के लिए मिलेगा गृह मंत्री मेडल
राँची।वर्ष 2020 के लिए ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के पदक’ से 121 पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया है।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह झारखण्ड के पांच अफसरों सहित देश के 121 अफसरों को बेहतर अनुसंधान के लिए मेडल देकर सम्मानित करेंगे। यह मेडल गुणवत्तापूर्ण बेहतर अनुसंधान करने वाले अफसरों को दिया जाता है। इस वर्ष पूरे देश में सीबीआइ के 15, मध्य प्रदेश पुलिस के दस, महाराष्ट्र पुलिस के दस,उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ, केरल पुलिस के सात, पश्चिम बंगाल पुलिस के सात व अन्य दूसरे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के हैं,जिनमें 21 महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। गृह मंत्री के इस मेडल को देने की शुरूआत वर्ष 2018 में हुई थी। अपराध की जांच के उच्च पेशेवर मानकों को बढ़ावा देने और जांच अधिकारियों द्वारा जांच में इस तरह की उत्कृष्टता को पहचानने के उद्देश्य से यह पदक 2018 में स्थापित किया गया था। डीएसपी मुख्यालय 1 नीरज कुमार
राज्य के इन पांच अफसरों को मिलेगा मेडल
झारखण्ड पुलिस : नीरज कुमार, डीएसपी मुख्यालय वन राँची व पुष्पराज कुमार,दारोगा
सीबीआई: परवेज आलम इंस्पेक्टर और ज्योर्तिमयी मांझी इंस्पेक्टर
आशीष आनंद, इंस्पेक्टर आर्थिक अपराध शाखा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 15 अधिकारियों को उत्कृष्ट जांच के लिए इस वर्ष का ‘केंद्रीय गृह मंत्री के पदक’ से सम्मानित किया गया है।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि सीबीआई के देश भर से चयनित 15 अधिकारियों को उत्कृष्ट जांच के लिए इस पदक से सम्मानित किया गया है।उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों में हैदराबाद स्थित अपराध निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के पुलिस अधीक्षक सीफस कल्याण पाकेरल, मुंबई स्थित एसीबी के अपर पुलिस अधीक्षक सुभाष रामरूप सिंह, राँची के सीबीआई निरीक्षक परवेज आलम, नयी दिल्ली के पुलिस उपाधीक्षक मुकेश शर्मा और निरीक्षक दुलीचंद यादव, पटना की निरीक्षक (एसीबी) श्रीमती विभा कुमारी, राँची में तैनात निरीक्षक ज्योर्तिमोई मांझी और मध्य प्रदेश में पदस्थापित निरीक्षक शिवकुमार झा शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार श्री सुभाष रामरूप सिंह ने डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर हत्याकांड की गुत्थी सुलझाई थी, जिसके आधार पर कलबुर्गी, गौरी लंकेश और गोविंद पनसारे हत्याकांड में महाराष्ट्र पुलिस को सुराग हासिल हुए थे। श्री परवेज आलम ने राँची में बलात्कार और हत्या की घटना की जांच को अंजाम तक पहुंचाया था। राँची के ‘निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड’ के नाम से कुख्यात इस घटना को ‘ब्लाइंड केस’ कहा जाता था, लेकिन श्री आलम की सधी हुई जांच ने दोषी राहुल को इस मामले में फांसी की सजा मुकर्रर करायी है। श्रीमती विभा कुमारी ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार को निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है।