Ranchi:तुपुदाना में 10 एकड़ में लगे अफीम की फसल की गई नष्ट, सिटी एसपी खुद गए थे जंगल…
–चतरा की घटना के बाद वरीय पुलिस अधिकारियों की निगरानी में अब कराया जा रहा है अफीम नष्ट करने का कार्य…
राँची।राजधानी राँची के तुपुदाना क्षेत्र के जंगल में 10 एकड़ में लगे अफीम की फसल को रविवार को नष्ट किया गया।थाना प्रभारी मीरा सिंह के द्वारा जानकारी एकत्रित की गई थी कि कहां कहां अफीम की खेती हुई।उनके द्वारा जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को दी गई।उसके बाद राँची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता खुद उक्त क्षेत्र में अफीम की फसल नष्ट करने के लिए गए हुए थे।इस अभियान में भारी संख्या में पुलिसबल लेकर एसपी पहुँचे थे। बता दें चतरा के बोरियों में सात फरवरी को हुई घटना ते बाद अब वरीय पदाधिकारियों की निगरानी में अफीम की फसल नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है। जिन जिन क्षेत्रों में अफीम की खेती हो रही है इसकी जानकारी सभी थाना प्रभारियों को एकत्र करने के लिए कहा गया है। जानकारी मिलने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी खुद अपनी निगरानी में पुलिस कर्मियों को अब ले जा रहे है ताकि किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो।
एसपी ने ग्रामीणों को दी चेतावनी,नशे का कारोबार ना करें
सिटी एसपी राजकुमार मेहता अभियान के दौरान ग्रामीणों से मिले और उन्हें समझाया कि जो भी नशे का खेती कर रहे हैं।उन्हें सभी ग्रामीण मिलकर समझाए की नशे का खेती ना करें।ये नशे की खेती का कारोबार अपराध है। एसपी ने नशे के खेती करने वाले लोगों को चेतवानी दी।अफीम के खेती करने वाले लोगों को चिन्हित कर केस किया जाएगा।अफीम की खेती करना बंद करें।वहीं सिटी एसपी ने अभियान के दौरान ग्रामीणों की समस्याएं भी सुने।कई ग्रामीणों ने अपने इलाकों की समस्या एसपी को बताएं।एसपी ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिए।
राँची के तुपुदाना और नामकुम क्षेत्र में सबसे अधिक अफीम की खेती
राँची जिले में भी अब अफीम की खेती पिछले कई वर्षों से लगातार हो रही है। सबसे अधिक अफीम की खेती राँची के नामकुम क्षेत्र के सेंगरसराय क्षेत्र में होती है। लेकिन इस वर्ष अभी तक एक बार भी क्षेत्र में अफीम की खेती नष्ट करने का अभियान नहीं चलाया गया है। जंगल क्षेत्र में अफीम की खेती होनी के कारण पुलिस भी वहां तक नहीं पहुंच पाती है। वहीं तुपुदाना क्षेत्र में भी जंगलों में भी अफीम की खेती जम कर होती है। तुपुदाना क्षेत्र जो खूंटी से सटा हुआ है उसमेंं ज्यादा मात्रा में अफीम की खेती होती है।