हेमन्त सोरेन को किसने कहा घटिया मानसिकता वाले, किस फैसले पर राँची की मेयर ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दी प्रतिक्रिया? जानें…

राँची। राँची मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार पर बोला हमला।प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोरोना संक्रमण से झारखण्ड की आम जनता त्रस्त है। स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में प्रतिदिन कई लोग दम तोड़ रहे हैं। फिर भी CM Hemant Soren को राज्यवासियों की कोई चिंता नहीं है। अस्पतालों में वेंटिलेटर operate करने के लिए technician नहीं हैं। डॉक्टर, नर्स, oxygen व दवा का भी अभाव है। धिक्कार है राज्य के ऐसे मुख्यमंत्री को, जिन्होंने विपदा की इस घड़ी में कोरोना पीड़ितों को मदद करने के बजाय प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों का अवधि विस्तार व वेतन मद में 55.80 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21की तुलना में 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य के लिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए 3000 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। इसके बावजूद झारखण्ड सरकार केंद्र सरकार पर ही आश्रित हैं। राज्य सरकार सिर्फ और सिर्फ विशेष जाति व धर्म के लिए कार्य कर रही है। मैं माननीय मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि उत्क्रमित हाई स्कूल के शिक्षकों और पारा शिक्षकों का वेतन व पेंशन, पर निर्णय क्यों नहीं ले रहे हैं।


दरअसल ये बाते इसलिए कही की राज्य सरकार का ये प्रेस विज्ञप्ति पढ़े।जिसमें हेमन्त सरकार ने ये निर्णय लिया।इससे राजनीति पारा और चढ़ गया है।ये पढ़िये –राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन मद में 2 अरब, 24 करोड़, 48 लाख, 56 हजार रुपए के सहायता अनुदान के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने दी मंजूरी।

प्रारंभिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत पदों का अवधि विस्तार और वेतन मद में 55 करोड़, 80 लाख, 90 हजार रुपए के प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री की मिली स्वीकृति

राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों (अल्पसंख्यक विद्यालयों सहित) में सरकार द्वारा स्वीकृत पदों के विरुद्ध वैध रुप से नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन हेतु कुल 2 अरब 24 करोड़ 48 लाख 56 हजार रुपए मात्र सहायता अनुदान के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मंजूरी दे दी है. यह सहायता अनुदान वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए है. वहीं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रारंभिक विद्यालयों में इंटर प्रशिक्षित वेतनमान में उर्दू शिक्षक के स्वीकृत 4401 पदों का अवधि विस्तार और वेतन मद में 55 करोड़, 80 लाख 90 हजार रुपए की राशि को भी मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. राज्य में वर्तमान में उर्दू शिक्षकों के 4401 पदों के विरुद्ध 689 शिक्षक कार्यरत हैं।