त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसा:वायुसेना,एनडीआरएफ़,आईटीबीपी सहित सेना के अन्य जवानों ने जान जोखिम में डालकर 46 लोगों को बचाया,दो महिला सहित तीन की मौत,ऑपरेशन समाप्त
देवघर।झारखण्ड के देवनगरी देवघर में देवदूत बनकर आये फौजी और बचा ली 46 जिंदगियां।देवघर स्थित त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे 46 लोगों को सेना ने सुरक्षित निकाल लिया गया है। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गया। इसके साथ ही आज मंगलवार को तीसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया। इसके साथ ही आज मंगलवार को तीसरे दिन सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया। वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी समेत सेना के अन्य जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद जान जोखिम में डालकर ट्रॉली में फंसे लोगों को नयी जिंदगी दी। आपको बता दें कि रामनवमी के दिन यानी रविवार को करीब साढ़े चार बजे रोपवे हादसा हुआ था। तब से रेस्क्यू ऑपेरशन जारी था।
बता दें देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आज मंगलवार को सुबह से ही ऑपरेशन जारी था।वायुसेना द्वारा हेलीकॉप्टर से ट्रॉली में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा था। महिला समेत 14 को सुरक्षित निकालने की जद्दोजहद की जा रही थी। इसी दौरान एक महिला एयरलिफ्ट करने के दौरान नीचे गिर गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी। अन्य 13 लोगों को सेना के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया। इस तरह तीन दिनों में हवा में लटके 46 लोगों को सेना के जवानों ने नयी जिंदगी दी है।
देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में कुल तीन लोगों की मौत हुई है।इनमें दो महिलाएं एवं एक पुरुष शामिल हैं।एयरलिफ्ट के दौरान एक पुरुष व एक महिला की नीचे गिर जाने से मौत हो गयी। मृतक राकेश के परिजन उसकी मौत से काफी आक्रोशित हैं। परिजनों ने त्रिकुट पहाड़ जाने के चौराहे को जाम कर दिया था।
आपको बता दें कि त्रिकूट पहाड़ रोपवे में रविवार (10 अप्रैल) की शाम बड़ा हादसा हो गया था। करीब 4:30 बजे रोपवे जैसे ही डाउन स्टेशन से चालू हुआ था कि पहाड़ की चोटी पर स्थित रोपवे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया।इसके बाद रोपवे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं।वहीं, सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे।स्थानीय लोगों और रोपवे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला।सबसे नीचे की दो ट्रॉलियां पत्थर से जोरदार ढंग से टकरा गयी थीं। इन दोनों ट्रॉलियों में सवार सभी लोग बुरी तरह घायल हो गये थे। इस हादसे में सारठ की रहनेवाली सुमंती देवी (पति स्व राजकुमार पुजहर) की मौत हो गयी थी।