जिस बालक के अपरहण के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को जेल भेजा,बालक खड़गपुर में मिला..
पलामू।झारखण्ड के पलामू जिला के सदर थाना इलाके में रहने वाले 10 वर्षीय बालक सूरज यादव की खोज के लिए चार थानों की टीम को लगाया गया था। वहीं पलामू से लापता सूरज यादव को बंगाल के खड़गपुर में बरामद किया गया है।सूरज यादव को करीब एक महीने बाद बरामद किया गया है।बताया जाता है कि सूरज यादव के परिजनों के आवेदन के आधार पर पुलिस चार लोगों के अपहरण के आरोप में जेल भी भेज चुकी है। 10 वर्षीय सूरज यादव पलामू के सदर थाना क्षेत्र के चियांकी का रहने वाला है।वह 10 जुलाई को वह लापता हो गया था। लापता होने के बाद परिजनों ने गांव के ही सोनू और सत्यनारायण यादव पर अपहरण का आरोप लगाया था। फिलहाल सूरज यादव खड़कपुर में सीडब्ल्यूसी के पास है।
बताया जाता है कि मामला बढ़ने के बाद सूरज के परिजनों ने चार घंटे तक नेशनल हाईवे को जाम भी किया था।दरअसल,सूरज एक बकरी चोरी की घटना का प्रत्यक्षदर्शी था और बकरी बेचे जाने के बाद उसे भी 500 रुपये हिस्से में मिले थे।सूरज के पास 500 रुपए देखने के बाद परिजन नाराज हुए थे और उसकी पिटाई की थी, बकरी चोरी करने वालों को परिजनों ने सूरज से अलग रहने की बात बोली थी।उसके बाद से सूरज लापता हो गया था। परिजनों ने बकरी चोरी करने वालों पर ही अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस को आवेदन दिया था। धीरे-धीरे मामला बढ़ने के बाद पलामू पुलिस ने सूरज की खोज में चार थानों को लगाया, लेकिन सूरज का कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
इधर मिली जानकारी के अनुसार बंगाल के खड़कपुर रेलवे स्टेशन पर 04 अगस्त रेलवे पुलिस,चाइल्डलाइन और सीडब्ल्यूसी की टीम ने सूरज यादव को लावारिस हालत में बरामद किया था। शुरुआत में सूरज ने चाइल्डलाइन और सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों को गलत जानकारी देते हुए खुद को महाराष्ट्र का रहने वाला बताया था।महाराष्ट्र में सूरज का पता सत्यापित नहीं होने के बाद खड़कपुर चाइल्डलाइन और सीडब्ल्यूसी की टीम ने सूरज से दोबारा उसका पता पूछा,जिसके बाद सूरज ने अपना वास्तविक पता बताया। पलामू सीडब्ल्यूसी और चाइल्डलाइन को खड़कपुर की टीम ने ईमेल किया है, जिसके बाद सूरज यादव की बरामदगी की पुष्टि हुई है।