दलितों, युवाओं, महिलाओं के हक और अधिकार एवं संविधान में मिले अधिकार से सदन ने मुझे वंचित किया : अमर बाउरी, भाजपा विधायक
समाज के प्रति समर्पण, दायित्व और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दिए गए संविधान के ऊपर मेरा विश्वास का प्रतीक है मेरे आंसू- अमर कुमार बाउरी
बाबा साहेब के संविधान और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संरक्षण में दलितों की आवाज बुलंद हो रही है – अमर कुमार बाउरी
राँची। मेरे आंसू पांच दिन के छोटे मानसून सत्र के कारण नही छलके है। इन आंसुओं का कारण पिछले दो वर्षों में श्री हेमंत सोरेन की सरकार में अनुसूचित जाति समाज की हो रही अनदेखी के कारण छलकी है। भूखल घासी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों की मौत भूख से हो जाना, रघु पासी की मौत ठंढ़ से होना, राज्य भर में दलितों की जमीन का लूट होना, विशेष समुदाय द्वारा दलितों पर जानलेवा हमला होना, दलितों को घर से बेघर करना, दलित समाज की बेटियों के साथ दुर्व्यवहार होना आदि कई ऐसी घटना है जो मेरे आंसू के कारण बने। इन सभी मुद्दों को मैंने सरकार और सदन में उठाने की कोशिश की, लेकिन न तो सरकार का और न ही सदन का संरक्षण मुझे मिला। मेरे आंसू मेरी कमजोरी नहीं है बल्कि मेरा अपने समाज के प्रति समर्पण, मेरा अपने समाज के प्रति दायित्व और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दिए गए संविधान के ऊपर मेरा विश्वास का प्रतीक है। जो चीख चीख कर बोल रहा है कि राज्य में दलितों के ऊपर अत्याचार बढ़े है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। उक्त बातें चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय, हरमू रांची में कही।
उन्होंने कहा कि मुझे बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के संविधान के पवित्र मंदिर विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और यह सरकार संविधान और झारखंड विधानसभा के नियमावली के अनुरूप विधायक के अधिकार के तहत पूछे गए प्रश्न और व्यवस्था को दबा रही है। यह सरकार के उस मानसिकता को दर्शाती है जिसमे वे दलितों को मात्र वोट बैंक और अपने पैर की धूल समझते है। लेकिन अब समय बदल चुका है और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से मिले हक और अधिकार एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संरक्षण के साथ दलितों की आवाज बुलंद होगी।
उन्होंने बताया कि मैंने दलितों पर हो रहे अत्याचार, धर्मपरिवर्तन आदि को लेकर जो आवाज उठायी, उससे श्री हेमंत सोरेन की सरकार बौखला गयी है। बुधवार को विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटन और नियोजन नीति को लेकर निकाले गए विधान सभा घेराव कार्यक्रम में जिस तरह से पुलिस ने सरकार के इशारे पर बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज किया, महिलाओं को टारगेट कर उनपर जानलेवा हमला किया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता बाबुलाल मरांडी पर जानलेवा हमला किया। इन सभी मुद्दों को लेकर गुरुवार को मैंने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया था। लेकिन विधान सभा अध्यक्ष ने मेरे कार्यस्थगन प्रस्ताव को पढ़ा तक नही। सदन के अंदर मैं चीखता रहा, चिल्लाता रहा, आसान से मिन्नते करता रहा लेकिन आसान ने मेरी बातों को नजर अंदाज कर दिया। ऐसे में मेरा दर्द छलका जो आंसू के रूप में बाहर आये।
अमर कुमार बाउरी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि 23 अगस्त 2021 को धनबाद जिला के एक नाबालिक लड़की के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। काफी प्रयास के बाद उनके पिता ने एफआईआर दर्ज किया और आरोपी पर पोस्को एक्ट लगाया गया। लेकिन अभी तक उक्त अपराधी की गिरफ्तारी नही हुई है और वह खुलेआम घूम रहा है। पूरी पूरी घटना इस बात को दर्शाती है कि आज हमारी बेटियां भी कहीं सुरक्षित नहीं है। यह घटना पीड़िता के घर पर हुई। चुकी वह एक दलित परिवार से है इसलिए शायद अपराधी को यह लगा कि वह कोई भी हरकत कर लेंगे लेकिन एक दलित परिवार अपनी आवाज नहीं उठा सकेगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिम सिंहभूम के मझगांव थाना क्षेत्र के हतमादौड़ा गांव में कारवां बस्ती है पास में ही मुस्लिम बस्ती भी है। दलित समाज के लोगों अक्सर उनके घरों पर शौचालयों की साफ-सफाई के लिए जाते हैं। 21 मई 2021 को जब कुछ दलित मजदूर साफ सफाई के लिए मुस्लिम बस्ती नहीं जा सके तो इसका विरोध करते हुए मुस्लिम बस्ती निवासी अफाक असरार एवं उनके साथियों ने गांव में घुसकर कारवां बस्ती में रह रहे दलित परिवार के ऊपर लाठी-डंडे, बैट, पत्थर से हमला कर दिया। जिसमें आधे दर्जन से अधिक दलित समाज के लोग घायल हो गये। लेकिन उनका एफआईआर तक नहीं लिखा गया। जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस मामले पर पहल की तो किसी तरह से इनकी एफ आई आर दर्ज कराई गई। लेकिन उसके बाद भी डीएसपी स्तर के अधिकारियों द्वारा दलितों को डराया धमकाया जा रहा है कि वह इस पूरे मामले को रफा-दफा करें नहीं तो उन लोगों के साथ और भी बुरा व्यवहार हो सकता है।
ऐसी ही एक घटना जामताड़ा के चिरुडीह गांव में घटी। जहां मुस्लिम समुदाय के साथ मात्र 6 दलित परिवार भी रहता है। जिसे मुस्लिम समुदाय के ही मो. रमजान मियां एवं उनके लोगों ने जबरन मारपीट कर पहले तो उनके घर पर कब्जा किया, उसके बाद उन्हें मारपीट कर उन्हें घर से बेघर कर दिया। काफी दिनों तक उन्होंने उपायुक्त और स्थानीय जिला प्रशासन से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। आखिरकार जब यह मामला भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के पास पहुंचा तो मोर्चा ने इस मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक पहुंचाने का काम किया। जिसके बाद आयोग के उपाध्यक्ष ने घटनास्थल की जांच की और सभी आरोपों को सत्य पाया। मौके पर ही उपाध्यक्ष के समक्ष जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी और जब तक पीड़ित परिवार को सुरक्षित उनके घर तक नहीं पहुंचा दिया जाएगा तब तक पीड़ित परिवार की सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। लेकिन डेढ़ महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक न तो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और ना ही पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन की तरफ से रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। पीड़ित परिवार आज फिर से रैन बसेरा में अपने छोटे बच्चों, बुजुर्गों के साथ रहने को मजबूर है।
बोकारो जिला के कसमार प्रखंड के करमा पंचायत गांव, शंकरडीह निवासी भूखल घासी की मौत भूख के कारण 6 मार्च 2020 को हो गई थी। जिसके 6 महीने के बाद ही भुखल घासी के बेटे की मौत भी भूख के कारण हो गई। वही 4 सितंबर 2020 को भूखल घासी की बेटी की भी मौत भी भूख के कारण हो गई। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन के तरफ से पीड़ित परिवार को न तो कोई मुआवजा और ना ही किसी प्रकार की खाने की व्यवस्था की गई। वही डेढ़ वर्ष गुजर जाने के बाद भी आज तक कोई भी जिला अधिकारी या सत्ता पक्ष के नेता पीड़ित परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं। इस मामले को लेकर कई बार विधान सभा में सवाल भी उठाये गये।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में बरहेट प्रभारी हरीश पाठक का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे एक युवती की पिटाई करते और कथित तौर पर गाली बकते सुनाई पड़ रहे हैं। पीड़िता राखी कुमारी बरहेट स्थित इरकोन रोड की रहने वाली है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को लिखित तौर पर बताया कि बीते 22 जुलाई को थाना प्रभारी ने हमंै थाना बुलाया था। जब हम वहां पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि तुम रामू मंडल से शादी करने वाली हो। मैंने बताया कि हम दोनों में प्यार है और रामू मंडल से ही हम शादी करेंगे। इतना सुनते ही थाना प्रभारी ने मुझे गालियां दी। बाल पकड़ कर खींचा, गालियां दी और थप्पड़ से बेतरह मारा। इससे मेरे नाक से खून बहने लगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी पोस्ट मैट्रीक छात्रवृति योजना, जो अनुसूचित जाति के छात्र – छात्राओं के लिए अति महत्वपूर्ण है, उसे राज्य में लागु नहीं किया जा रहा है। इस योजना के लागु होने से राज्य के लाखों गरीब अनुसूचित जाति के युवाओं का शिक्षित होने का सपना पूरा हो सकेगा, जो गरीबी के कारण बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तर्ज पर ही प्रति वर्ष 10 अनुसूचित जाति के छात्र – छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु विदेश भेजने की योजना राज्य में लागु करने की मांग लगातार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा कर रही है। लेकिन सरकार इसे लागु करने के विचार में नहीं दिख रही।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कर्मियों की लंबे समय से लंबित प्रोन्नती का मामला आज तक शुरु नहीं किया गया। अनुसूचित जाति के लोगों और युवाओं का जाति प्रमाण पत्र तक निर्गत करने में सरकार सक्षम नजर नहीं आ रही। जिस कारण अनुसूचित जाति के युवाओं, जो किसी सरकारी या गैर सरकारी नौकरी में चयनित हो रहे है, उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। राज्य के लाखों छात्र – छात्रा अपने घरों से दूर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में सभी जिले में अनुसूचित जाति छात्रावास नहीं होने के कारण गरीब छात्रों को काफी परेशानी होती है। लेकिन राज्य सरकार को सभी जिले में अनुसूचित जाति छात्रावास का निर्माण तक नहीं करवा रही है।
ऐसे और भी कई मुद्दे हैं जो अनुसूचित जाति समाज से जुड़े है लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। सरकार सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने में जुटी है ताकि अगले चुनाव में जीत हासिल कर अपना, अपने परिवार और अपने चाहने वाले लोगों का भला कर सके।
संवाददाता सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी, झारखंड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद श्री दीपक प्रकाश, प्रदेश प्रवक्ता श्री प्रतुल शाहदेव, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री शिवपूजन पाठक उपस्थित थे।