गुमला के युवक का संदेहास्पद स्थिति में बेड़ो में मिला शव,पुलिस ने कहा दुर्घटना हुई है,परिजनों ने कहा साजिश के तहत की गई है हत्या,करीब तीन घंटे रहा सड़क जाम
गुमला।झारखण्ड के गुमला शहर के शांति नगर निवासी सह गंगोत्री वाटर सप्लाई प्लांट के मालिक 25 वर्षीय युवक सत्यम साहू का शव शनिवार को देर रात राँची जिला के बेड़ो थाना क्षेत्र अंतर्गत गड़गांव के समीप से पुलिस ने संदेहास्पद स्थिति में बरामद की है।सत्यम का शव एक खेत में पड़ा हुआ था।जबकि उसका स्विफ्ट डिजायर कार नम्बर जेएच 01 जेड -4697 शव से कुछ दूर पर पलटा हुआ था।साथ ही डिजायर के पीछे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त था।सत्यम का शव मिलने के बाद वहां की पुलिस ने परिजनों को उसकी मौत दुर्घटना के कारण होने की बात कही है।मगर उसके परिजन इसे साजिश के तहत हत्या करार दे रहे है।साथ ही हत्या के पीछे गुमला जिले के एक्साइज दरोगा सोनू कुमार का हाथ बता रहे है।
इधर सत्यम का शव रिम्स में पोस्टमार्टम किये जाने के बाद परिजन उसे साथ लेकर गुमला पहुँचे।साथ ही शव के साथ शहीद चौक को जाम कर दिया।साथ ही पुलिस प्रसाशन व एक्साइज दरोगा के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करने लगे। जाम स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाये व सुड़ी समाज के लोग एकत्रित होकर घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे।सड़क जाम शाम साढ़े चार बजे से शुरू होकर देर शाम 7 बजे तक जारी रहा।
बताया गया कि गुमला जेल में छापामारी के कारण घंटो देर तक पुलिस व जिला प्रसाशन के कोई भी अधिकारी जाम स्थल पर नही पहुँचे थे।दो घंटे बाद एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल जाम स्थल पर पहुँचे। उन्होंने लोगो को समझाया।इसके कुछ देर बाद एसडीओ रवि आनंद मौके पर पहुँचे।फिर एसडीओ व एसडीपीओ ने जमाकर्ताओं को समझाया। साथ ही राँची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम से मोबाइल में स्पीकर ऑन कर बात करवाई। इस पर ग्रामीण एसपी ने कहा कि मृतक के भाई के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।साथ ही मांग पत्र मुझे प्रेषित किया गया है। मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे,जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी।इसके बात रात 7 बजे जाम हटा लिया गया।
इधर सड़क जाम के कारण शहर का सभी ट्रैफिक व्यवस्था अस्त व्यस्त रहा।टॉवर चौक से निकलने वाले सभी चारो मुख्य मार्गो में वाहनों की लंबी कतार लगी रही। छोटे बड़े दो पहिया वाहनों के भी पहिये थमे रहे।जाम स्थल पर मृतक सत्यम का छोटा भाई शिवम साहू ने बताया कि शनिवार को सत्यम दोपहर करीब 12 बजे अपने एक परिचित काली सिंह नामक ठेकेदार को छोड़ने के लिए राँची गया था।ठेकेदार को राँची में छोड़ने के बाद शाम करीब 6 बजे वह फोन कर गुमला के लिए निकल जाने की बात कही।मगर एक घंटे बाद जब वह शाम 7 बजे उसने भाई को फोन करना शुरू की तो वह फोन नही उठा रहा था।करीब रात 9 बजे तक भाई ने फोन रिसीव नही किया।तब वह किसी अनहोनी की आशंका को लेकर अपने पिकअप वाहन में सवार होकर भाई को ढूंढने राँची की ओर निकल गया।तभी रात करीब 10 बजे भाई ने माँ को फोन कर रास्ते मे होने व खाना बना देने की बात कही।फिर इसके बाद वह फिर से फोन उठाना बंद कर दिया।तभी वह उसे ढूंढते ढूंढते बेड़ो के गड़गाव पहुँचा।तभी देखा कि सड़क में पुलिस खड़ी है।और वह खेत की ओर टॉर्च जला रही है।तब वह वहां पर रुक गया।फिर नीचे उतरा तो देखा कि उसके भाई का शव एक खेत पर पड़ा हुआ था।उसका पैंट का बटन खुला हुआ था।साथ ही शरीर के कई हिस्सों में चोट का निशान था।जबकि उसका कार शव से कुछ दूर पर पलटी होकर पड़ा था।कार का सभी गेट व शीशा भी बंद था।जबकि उसका दोनो पैर का जूता कहीं नही दिख रहा था। तभी वहां पर मौजूद पुलिस को शव व खुद की पहचान बताने पर पुलिस ने दुर्घटना में भाई की मौत होने की बात कही।इसके बाद देर रात 12 बजे शव को उसी के पिकअप में लादकर इटकी थाना ले जाया गया।फिर दूसरे दिन रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव उसे सौप दिया गया।
शिवम ने कहा कि उसके भाई की मौत सड़क दुर्घटना में नही हुई है।एक साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है।उसने कहा कि गुमला एक्साइज विभाग के दरोगा उसके पूरे परिवार को बर्बाद करने पर तुले हुए थे।कई बार बगैर वारंट सर्च के दौरान उन्होंने घर मे घुसकर सभी को जान से मारने की धमकी दी थी।उसी ने भाई की हत्या करवाई है।
शिवम ने कई सवाल उठाते हुए कहा कि जिस स्थान पर भाई का दुर्घटना हुआ है, वहां पर किसी ने दुर्घटना होते नही देखा है।जबकि उस मार्ग में कोई भी घटना होने पर राहगीरों की भीड़ जुट जाती है।पुलिस के अलावा वहां कोई नही था।शिवम ने कहा कि उसका भाई राँची से गुमला लौट रहा था। इस दौरान कार के दुर्घनाग्रस्त होने पर कार का बॉडी पीछे से कैसे क्षतिग्रस्त हो सकता है।वही भाई खुद कार चला रहा था ऐसे में उसका शव दाहिने ओर के जगह बायीं ओर खेत मे कैसे था।उसका पैंट का बटन कैसे खुला था।उसका जुता कहाँ चला गया।कार के अंदर कैंची जैसा ओजार भी पड़ा हुआ था।इसके बावजूद वहां की स्थानीय थाना को हत्या के बावत लिखित आवेदन दिए जाने पर लेने से इनकार कर दिया गया।तब जाकर गुमला पहुँचने के बाद शव के साथ सड़क जाम किया गया है।
बताया जाता है कि मृतक सत्यम व उसके पिता रायजीत साहू के ऊपर एनडीपीएस एक्ट के तहत सदर थाना में मामला दर्ज है।सत्यम फरार चल रहा था।जबकि उसके पिता 22 दिन पूर्व सदर थाना में सरेंडर कर चुके थे।सरेंडर के बाद वे जेल के सलाखों में थे।मगर बेटे की मौत की सूचना के बाद जेल मेन्युवल के मुताबिक 12 घंटे के लिए उन्हें पैरोल दिया गया है।पैरोल मिलने के बाद जैसे ही वे घर पहुँचे, परिजनों से लिपटकर रोने बिलखने लगे।साथ ही पिता ने भी बेटे की मौत के लिए एक्साइज दरोगा को जिम्मेवार ठहराते हुए इंसाफ की मांग की।
पूरे मामले को लेकर एक्साइज दरोगा सोनू कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके ऊपर आरोप लगने की जानकारी मीडिया के माध्यम से उन्हें हुई है।उनपर लगाया जा रहा सारा आरोप गलत,निराधार व मनगढ़ंत है।मृतक के पिता व उनके दोनो बेटे के विरुद्ध सदर थाना में एनडीपीएस एक्ट व उत्पाद अधिनियम के तहत चार मामले दर्ज है।जबकि इसके अलावा उत्पाद विभाग में तीन अन्य मामले दर्ज है।इन मामलों में पिता रायजीत साहू व छोटा बेटा शिवम साहू जेल भी जा चुका है।
रिपोर्ट-विकास