देश भर में लागू हुआ नागरिकता संसोधन कानून, सरकार ने जारी की गजट अधिसूचना।

नई दिल्ली. शुक्रवार से देश भर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया। केंद्र सरकार ने 10 जनवरी को गजट नोटिफिकेशन (राजपत्र में प्रकाशन) के जरिए इस कानून के लागू होने की अधिसूचना जारी की। इसमें गृह मंत्रालय ने कहा, “केंद्र सरकार जनवरी, 2020 के 10 वें दिन को उस तारीख केतौर पर सूचित करती है, जिस दिन नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।” राजपत्र में प्रकाशित होने पर ही किसी कानून को लागू करने की आधिकारिक घोषणा मानी जाती है।

केंद्र सरकार ने 10 जनवरी, 2020 (शुक्रवार) को राजपत्र में नागरिकता कानून लागू होने की सूचना प्रकाशित की।


नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
नागरिकता कानून 1955 में आया था। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है। उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान हैं। संशोधित विधेयक में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।

नागरिकता कानून कब आया और इसमें क्या है?
जवाब:यह कानून 1955 में आया। इसके तहत भारत सरकार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को 12 साल देश में रहने के बाद नागरिकता देती है।

संशोधन के बाद क्या अंतर आया?
जवाब: संशोधित कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की समयावधि 6 साल करने का प्रावधान है। साथ ही 31 दिसंबर 2014 तक या उससे पहले आए गैर-मुस्लिमों को नागरिकता मिल सकेगी।

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