#बड़ी खबर:देवघर,बासुकिनाथ समेत तमाम मंदिरों में लोग दर्शन अब कर सकेंगे,सीमित संख्या में दर्शन करने की इजाजत दी जा सकती है,सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में फैसला सुनाया गया..
राँची।झारखण्ड में देवों के देव महादेव की सबसे बड़ी नगरी देवघर के बाबाधाम और बासुकीनाथ समेत तमाम मंदिरों में लोग अब दर्शन कर सकेंगें। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला शुक्रवार को सुनाया है।अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देवघर के बाबाधाम में श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में जाने की इजाजत दी जा सकती है।लेकिन इसकी व्यवस्था झारखण्ड सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन मिलकर करें।वैसे बता दें सावन का महिना अब अंतिम चरण में है तीन दिन बाद सोमवार के बाद से सावन समाप्त होने जा रहा है। इस कारण सुप्रीम कोर्ट ने भादो के के महिना में ही ऐसी व्यवस्था चालू करने को कहा है कि लोग बाबाधाम में जाकर भगवान शिव का दर्शन कर सकेंगे।किस तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना है, दर्शन कैसे किया जा सकता है, इसको लेकर आदेश जारी किया गया है।सुप्रीम कोर्ट ने झारखण्ड सरकार को सुझाव दिये है कि दर्शन करने के लिए नयी व्यवस्था बनायी जाये।आपको बता दें कि इस साल कोरोना वायरस को देखते हुए देवघर के बाबाधाम में श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लगा दी गयी है. इसके खिलाफ झारखण्ड हाईकोर्ट में एक याचिका गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक याचिका दायर की थी।इस याचिका पर झरखण्ड हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रोक को ब रकरार रखा था कि बाबाधाम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकेगा, इस कारण यहां दर्शन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. वर्चुअल यानी ऑनलाइन दर्शन करने की इजाजत दी गयी थी।सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की जानकारी खुद सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर दी है और बताया है कि यह झारखण्ड सरकार पर करारा तमाचा है।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से कई मंदिरों में भक्तों के लिए ई-दर्शन की व्यवस्था की जा रही है।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि मंदिर में ई-दर्शन, दर्शन करना नहीं होता है।सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम टिप्पणी झारखण्ड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर को लेकर की है।
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों को अब तक केवल ई-दर्शन के जरिए दर्शन करने की इजाजत है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि कोरोना संकट काल में भीड़ न लगे, इसके लिए भक्तों के लिए मंदिर में सीमित संख्या में दर्शन करने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने झारखण्ड सरकार से पूछा कि पूरा देश खुल रहा है।केवल मंदिर, मस्जिद, चर्च और दूसरे धार्मिक स्थल क्यों बंद हैं?
महत्वपूर्ण दिनों में उन्हें खुलना चाहिए।झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार ने ये आदेश दिया है कि सभी धार्मिल स्थल फिलहाल बंद रखे जायें. आने वाले समय में हो सकता है राज्य में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया जाये।
सूत्रों का कहना है कि अभी हर दिन सिर्फ 300 भक्त ही मंदिर में पूजा कर सकेंगे।बाबाधाम या बासुकिनाथ धाम आने वाले भक्तों की बिहार के सुल्तानगंज में जल उठाते समय ही कोरोना जांच करायी जायेगी।कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें बाबाधाम की यात्रा करने की अनुमति दी जायेगी।रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोरोना काल के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें अपना इलाज कराना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को श्रावणी मेला के लिए अनुमति नहीं दी थी. ये मेला बैद्यनाथ मंदिर में हर साल आयोजित किया जाता है. बीजेपी सांसद ने बासुकीनाथ मंदिर को भी दर्शन के लिए खोलने की अपील की थी. बीजेपी सांसद निशीकांत दुबे ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।