खाद्य आपूर्ति मंत्री के पद पर रहते हुए सरयू राय ने की गड़बड़ी,ACB ने मांगी PE दर्ज करने की अनुमति…

राँची।झारखण्ड एसीबी ने सरकार से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में पीई दर्ज कर जांच की अनुमति मांगी है। इसके लिए मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को पत्र लिखा है।ज्ञात हो कि जी कुमार ने सरयू के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी कि उन्होंने मंत्री रहते एनजीओ युगांतर भारती के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। बिना टेंडर के आहार पत्रिका छपवाने में भ्रष्टाचार किया गया।इसके साथ ही बाजार दर से अधिक दर पर वॉयस मैसेज का कार्यादेश जारी किया गया।अपने ही विभाग में करीबी व्यक्ति को बिना नियम के नियुक्त किया। एसीबी ने मामले की जांच रिपोर्ट में कहा है कि प्रथम दृष्टया गड़बड़ी प्रतीत होती है। इसलिए पीई दर्ज करने की अनुमति मिले।आरोप था कि युगांतर भारती झारखण्ड में निबंधित भी नहीं है।लेकिन उसे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सभी जिलों में पानी की जांच के नाम पर करोड़ों की अग्रिम राशि दी।वहीं आहार पत्रिका के प्रकाशन और वितरण के नाम पर भी अवैध कमाई की गयी। आरोप था कि बाबा कंप्यूटर को आठ गुना अधिक दर पर टेंडर देकर अवधि विस्तार देते हुए अनुचित तरीके से लाभ दिया गया।

इस मामले में जी कुमार नाम के शख्स ने एसीबी में परिवाद संख्या 344/22 दर्ज करायी थी। इसकी जांच के बाद डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 14 सितंबर को पीई जांच की अनुशंसा की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर एसीबी ने इस मामले में पीई दर्ज करने की अनुमति मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग से मांगी है।

आरोप है कि खाद्य आपूर्ति मंत्री के पद पर रहते हुए सरयू राय ने बिना टेंडर आहारा नाम से एक पत्रिका छपवाई।प्रकाशन का काम झारखण्ड प्रिंटर को दिया गया।दोबारा छह माह बाद टेंडर हुआ तो शर्त पूरा नहीं किये जाने के बावजूद झारखण्ड प्रिंटर को काम दिया गया।नौ माह में 2.51 करोड़ रु खर्च दिखाया गया। बताया गया है कि युगांतर भारती नाम की संस्था झारखण्ड में रजिस्टर्ड नहीं है।फिर भी जांच के नाम पर उसे करोड़ों की राशि उपलब्ध करायी गई।दूसरी तरफ उसी संस्था से सरयू राय ने साल 2015, 2016 और 2017 में अनसिक्योरड लोन के नाम पर लाखों रुपये लिए थे।