7000 रुपए में बनाया था रिम्स कर्मी ने संजय तिवारी का फर्जी कोविड रिपोर्ट, गिरफ्तार दोनों भेजे गए जेल
–संजय तिवारी के स्टॉफ ने किया था प्रियरंजन से संपर्क,उसी ने दिए थे पैसे, झूठ बोल बनाया था रिपोर्ट,नहीं बताया था कि करना है कोर्ट में इस्तेमाल
राँची।राजधानी राँची के बरियातू पुलिस ने रविवार को भानू कंस्ट्रक्शन के संचालक व 101 करोड़ रुपए के मिड डे मिल की राशि घोटाला करने के अभियुक्त संजय तिवारी का फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने वाले रिम्स कर्मी प्रियरंजन रवि और तिवारी के स्टॉफ अमरदीप को गिरफ्तार किया था। दोनों को बरियातू पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया। जेल जाने से पूर्व रिम्स कर्मी प्रियरंजन ने चौकाने वाले खुलासे किए है। उसने पुलिस को बताया कि संजय तिवारी का फर्जी कोविड रिपोर्ट उसने 7000 रुपए लेकर बनाए थे। तिवारी के स्टॉफ ने अमरदीप ने प्रियरंजन से संपर्क किया था। उसी ने दिए थे पैसे और झूठ बोला था कि रिपोर्ट का इस्तेमाल इमरजेंसी के लिए कही करना है।उसने यह नहीं बताया था कि कोर्ट में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। प्रियरंजन रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। वह घोटालेबाज संजय तिवारी को नहीं जानता था। लेकिन उसके स्टॉफ अमरदीप को जानता था। उसी के कहने पर ही फर्जी कोविड रिपोर्ट उसने तैयार की। गिरफ्तार प्रियरंजन पत्थलकुदवा में रहता है।
रिम्स के अधीक्षक ने दर्ज कराई थी बरियातू थाने में प्राथमिकी
संजय तिवारी ने जब फर्जी कोविड सर्टिफिकेट देकर कोर्ट में जमानत अवधि खत्म होने के बाद सरेंडर नहीं किया तो ईडी ने उसकी रिपोर्ट की जांच की। जांच में ही यह बात सामने आई कि उसने फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार करवाया है। ईडी की टीम रिम्स से संपर्क की और असली रिपोर्ट निकलवाई गई। जिसमें यह बात सामने आई कि किसी और की दिए गए सैंपल की रिपोर्ट को फर्जी वाड़ा कर बदला गया और उसपर संजय तिवारी का नाम व मोबाइल नंबर चढ़ाया गया है। ताकि अॉन लाइन जानकारी लेने पर यह पता चले कि रिपोर्ट संजय तिवारी की है। मामला सामने आने के बाद ही रिम्स अधीक्षक हीरेंद्र बिरुआ ने बरियातू थाने में फर्जीवाड़े की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।