पटना:झारखण्ड पुलिस से रिटायर दरोगा का आतंकवादी संगठन सिमी से कनेक्शन, गिरफ्तार
पटना।बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में केरल सहित अन्य कई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित कर भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन में शामिल करने के उद्देश्य का पर्दाफाश करते हुए सुरक्षा बलों ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उनके आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे से ठीक एक दिन पहले सोमवार की रात की गई थी।जिसकी जानकारी सुरक्षा बलों ने अब साझा की है।
बताया जाता है कि पटना में मार्शल आर्ट और शारीरिक प्रशिक्षण देने की आड़ में बहुत ही खतरनाक खेल चल रहा था। इसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से भी जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इनलोगों की भनक लग चुकी थी। आइबी, दिल्ली से इनपुट मिलने के बाद सोमवार की देर रात चार थानों की पुलिस ने एएसपी मनीष के नेतृत्व में छापेमारी की। यह छापेमारी फुलवारीशरीफ नया टोला स्थित एसडीआइपी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के कार्यालय में की गई। कार्रवाई के दौरान मकान मालिक जलालुदीन खान और अतहर परवेज को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने अब गिरफ्तारी की पुष्टि की है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि जलालुद्दीन झारखण्ड में दारोगा था और सेवानिवृत्त हो चुका है।
वहीं अतहर एसडीएफआइ नाम का संगठन बनाकर इसकी आड़ में सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर उनको गोपनीय रूप से प्रशिक्षण देता था। इसमें हथियार चलाने से लेकर देश में उन्माद पैदा करने की रणनीति बताई जाती थी। ये लोग विजन 2047 पर काम कर रहे थे, जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन के तहत देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के प्रयासों पर बल देना था। उनके पास से बरामद बुकलेट, दस्तावेज आदि से इसके प्रमाण मिले हैं।
इधर एनआइए और एटीएस के अधिकारियों ने दोनों से पूछताछ के बाद आइबी से मिली जानकारी का मिलान कराया। जांच में यह भी पता चला है कि फुलवारीशरीफ स्थित कार्यालय में केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्य से युवा प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे।
बताया जाता है कि अतहर ने फुलवारीशरीफ में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया का कार्यालय खोल रखा था। उसने एनजीओ के नाम पर किराए पर मकान लिया था। यह कार्यालय करीब दो माह से चल रहा था, पर बाहर से कुछ पता नहीं चलता था। जलालुद्दीन से पूछताछ की जा रही है कि उसकी इसमें क्या भूमिका है। आइबी को यह सूचना मिली थी कि नया टोला में अतहर नाम का व्यक्ति एक संगठन बना कर देश विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहा है।
एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि अतहर परवेज एसडीएफआइ नाम का एक संगठन बना कर इसकी आड़ में सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर उनको प्रशिक्षण देता था। छापेमारी के दौरान इनके कार्यालय से विजन 2047 का बुकलेट, पीएफआइ का झंडा, पंपलेट सहित कई सनसनीखेज दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
बताया गया कि इन लोगों के विरुद्ध कई ऐसी जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि वे देश को कमजोर करने एवं शांति व्यवस्था को भंग कर यहां की बदनामी कराने में शामिल हैं। इन्हें विदेश से भी फंडिंग की जा रही थी। अतहर परवेज और जलाउद्दीन खां की संपत्ति की भी जांच की जा रही है कि यह कहां से आई। दोनों को जेल भेज दिया गया है। इन्हें सुरक्षा एजेंसी रिमांड पर लेने की कार्यवाही करेगी। यह बात भी सामने आ रही है कि विभिन्न आतंकी घटनाओं में गिरफ्तार किए गए सदस्यों की जमानत आदि में भी विदेश से प्राप्त धन का उपयोग किया जाता था।