राँची के जेनेटिक हाॅस्पिटल ने 1.20 लाख नहीं देने पर नवजात काे भेजा घर, 24 दिनाें तक माँ काे बनाए रखा बंधक,सीआईडी की टीम ने महिला को छुड़ाया..

 

–सीआईडी में शिकायत के बाद हाॅस्पिटल पहुंची पुलिस, बंधक मां काे छुड़ाया

राँची।सदर थाना क्षेत्र स्थित बुटीमाेड़ पानी टंकी के समीप जेनेटिक हाॅस्पिटल प्रबंधन ने मरीज के बकाए बिल का भुगतान नहीं करने पर मानवता की सारी हदें पार कर दी। खूंटी की रहने वाली सुनीता देवी 28 मई काे भर्ती हुई। वह गर्भवती थी। 28 मई काे ही उसने एक बच्चे काे जन्म दिया। इस दाैरान अस्पताल में 2.60 लाख का बिल बना। महिला के पति मगलू सिंह ने 1.80 लाख का भुगतान भी किया। हालांकि पैसे के अभाव में 1.20 लाख नहीं दे पाए। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने 3 जून काे नवजात काे उसके पिता मगलू सिंह के साथ घर भेज दिया लेकिन नवजात के मां काे ही बंधक बना लिया। काफी मिन्नत करने के बाद भी सुनीता काे नहीं छाेड़ा गया। 24 दिनाें बाद जब पूरी जानकारी सीआईडी काे देते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की गई ताे एक टीम वहां पहुंचकर छापेमारी की और बंधक बनाई गई महिला काे छुड़ाया।

बंधक बनाए रखने के दाैरान नवजात के पिता मगलू अपने बच्चे काे बकरी का दुध पिलाकर जान बचाते रहे। बंधक बनाई गई महिला के पति समेत पूरा परिवार का जब सब्र का बांध टूट गया ताे एक समाज सेवक से संपर्क किया। इसके बाद सीआईडी काे शिकायत की गई। शिकायत मिलते ही टीम ने कार्रवाई करते हुए महिला काे छुड़ाया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। देर रात तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।

महिला का 15 दिनाें से नहीं हाे रहा था काेई इलाज, 6 दिन पहले से खाना भी कर दिया था बंद

नवजात की मां सुनीता देवी ने कहा कि 28 मई काे वह बच्चे काे जन्म दी थी। इसके बाद जबरन 3 जून काे उसके पास से नवजात काे अलग कर दिया गया। पिछले 15 दिनाें से काेई इलाज भी नहीं चल रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने 6 दिन पहले से ताे खाना देना भी बंद कर दिया। बकाया पैसा चुकता करने के बाद ही छाेड़ने की बात कही गई है। वह कई बार वार्ड से निकलकर नीचे उतरने का प्रयास की लेकिन राेक दिया गया। नवजात काे दूर कर देने की वजह से वह काफी परेशान है।

खूंटी में पति करता है मनरेगा मजदूरी, रिम्स के बजाए निजी हाॅस्पिटल पहुंचा दिया ऑटो चालक

पीड़ित पति मगलू सिंह ने बताया है कि वह खूंटी में ही मनरेगा मजदूरी का काम करता है। किसी तरह परिवार का भरण-पाेषण करते हुए खर्च चला रहा है। 28 मई काे खूंटी सदर अस्पताल से उसकी पत्नी सुनीता काे रिम्स रेफर कर दिया गया था। हालांकि रिम्स पहुंचने पर बाहर में खड़े कुछ लाेगाें ने ऑटो के माध्यम से बुटी माेड़ स्थित जेनेटिक हाॅस्पिटल भेज दिया। ऑटो चालक ने ही इस अस्पताल में भर्ती कराया था जिसके बाद प्रबंधन ने पत्नी काे बंधक बना लिया।

डायरेक्टर बाेले – बंधक बनाए जाने की बात झूठी, महिला का चल रहा था इलाज

हाॅस्पिटल के डायरेक्टर मनाेज अग्रवाल से जब इस संबंध में बातचीत की ताे बताया कि पैसे का भुगतान नहीं करने पर बंधक बनाए जाने की बात सरासर गलत है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। बंधक बनाया जाता ताे प्रतिदिन उसके परिवार काे मुलाकात का प्रमिशन नहीं दिया जाता। महिला काफी गंभीर स्थिति में हाॅस्पिटल पहुंची थी। डाॅक्टर ने ताे ऑपरेशन करने से इंकार कर दी थी लेकिन गंभीर स्थिति काे देखते हुए काफी मशक्कत के बाद जच्चा-बच्चा का जान बचाया गया। महिला का बच्चादानी फट गया है। ऐसे में उनकी जान बचा पाना चुनाैती थी। अचानक उन्हें जानकारी मिली कि सीआईडी की टीम पहुंची है जिसके बाद महिला काे छाेड़ दिया गया।