Ranchi:हटिया डीएसपी ने विधायक सरयू राय पर लगे फाइल चोरी करने का आरोप को जांच में सत्य बताया,केस को किया ट्रू,कोरोना प्रोत्साहन राशि भुगतान से संबंधित विभागीय गोपनीय फाइल के दस्तावेज की हुई थी चोरी….

 

–स्वास्थ्य विभाग की ओर से डोरंडा थाना में वर्ष 2022 में विधायक सरयू राय व अन्य के विरुद्ध दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी, हटिया डीएसपी कर रहे थे मामले का सुपरविजन

–सुपरविजन पदाधिकारी ने पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से मांगा आगे की कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन, निर्देश मिलने पर हो सकती है आरोपियों की गिरफ्तारी

राँची।झारखड स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2022 में डोरंडा थाना में एक प्राथमिकी (कांड संख्या 105/ 2022) दर्ज करायी थी, जिसमें कोरोना प्रोत्साहन राशि भुगतान से संबंधित विभागीय गोपनीय फाइल के गोपनीय दस्तावेज को चोरी कर सार्वजनिक करने का मामला में विधायक सरयू राय व अन्य को आरोपी बनाया गया था। इस केस का सुपरविजन हटिया डीएसपी पीके मिश्रा ने करते हुए कांड को ट्रू (सत्य) कर दिया है। वहीं सुपरविजन पदाधिकारी ने अपने वरीय पुलिस पदाधिकारी को उक्त केस को ट्रू (सत्य) करते हुए यह भी लिखा है कि इस केस में मामला सत्य पाया गया है, लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश दिया जाए। अब वरीय पुलिस पदाधिकारियों का निर्देश सुपरविजन पदाधिकारी को मिलता है तो आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। हालांकि ये मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। बता दें मई 2022 में जब यह मामला प्रकाश में आया था तब काफी चर्चा में रहा था। मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद दी डोरंडा थाना में मामला दर्ज कराया गया था।

ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट की धारा सहित अन्य धारा में मई दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी

इस मामले में डोरंडा थाना में स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के कर्मी विजय वर्मा द्वारा भादवि की धारा 409/379/411/120बी/420 आईपीसी एवं ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट की धारा 5 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें विधायक सरयू राय एवं अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। आरोप था कि वित्तीय वर्ष 2021-22 को समाप्ति के बाद सरयू राय द्वारा प्रेस व अन्य मीडिया के समक्ष प्रोत्साहन राशि के भुगतान के संबंध में विभागीय फाइल के कुछ अंश को सार्वजनिक करते हुए विभागीय मंत्री व विभाग पर कई तरह के आरोप लगाए गए। जबकि संबंधित फाइल (संख्या 01/स्वास्थ्य मुख्यालय1-12/2021) की छायाप्रति सूचना के अधिकार के अधिकार अधिनियम 2005 अथवा अन्य वैधानिक रूप से उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसलिए यह स्पष्ट है कि कार्यालय के किसी कर्मी की मिली भगत से उक्त कागजात को अनधिकृत रूप से प्राप्त किया गया। इसके बाद विधायक सरयू राय द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया। इसकी वजह से विभाग की प्रतिष्ठा पर आघात लगा और सरकार की छवि को धूमिल किया गया।

मंत्री कोषांग के 60 कर्मियों को कोरोना प्रोत्साहन राशि देने का था आरोप

मई 2022 में सरयू राय ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी थी कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सहित उनके कोषांग के 60 कर्मियों को कोरोना प्रोत्साहन राशि दी गई। राय ने बताया था कोविड-19 के दौरान प्रोत्साहन राशि मद में 103 करोड़ की अवैध निकासी की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में स्वास्थ्य मंत्री ने अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने करोड़ों रुपए की अवैध निकासी की। उन्होंने झारखंड सरकार के संकल्प (पत्र 54(7) 1.5.2021) का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड से संबंधित कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग, सुपर विजन, कोविड अस्पताल, कोविड वार्ड में कार्यरत, कार्यालय तथा कंट्रोल रूम में कोविड से संबंधित कार्यों के लिए प्रतिनियुक्त चिकित्सा कर्मी तथा चिकित्सकों को एक माह के मूल वेतन, मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान की जानी थी। इसके लिए संविदा कर्मियों को चिन्हित भी किया जाना था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में गठित समिति ने पात्रता श्रेणी में आने वाले 94 कर्मियों की सूची तैयार की जो प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य थे। मगर स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी। जिसमें मंत्री का नाम सबसे उपर था। मंत्री के दो आप्त सचिव, निजी सहायक, लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक, आदेश पालकों, 8 वाहन चालकों, 4 सफाई कर्मी और मंत्री की सुरक्षा में नियुक्त और प्रतिनियुक्त 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिस कर्मियों के नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की सूची में शामिल थे। सरयू राय ने कहा था कि यह सबसे बड़ी अनियमितता की ओर इशारा करती है।