Ranchi: पुलिस अधिकारी बनकर बात करता था,एफआईआर दर्ज,आरोपी रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में जेल में बंद है
राँची।राजधानी राँची में रेमडेसिविर कालाबाजारी के मामले में जेल में बंद राजीव सिंह के खिलाफ एसआईटी ने डोरंडा थाना में एक और मामला दर्ज कराया है।मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम एसआईटी की टीम डोरंडा थाना पहुँची और मामला दर्ज कराया है।बताया गया कि रेमडेसिविर कालाबाजारी के मामले की जांच के दौरान एसआईटी को राजीव सिंह के मोबाइल से एक ऑडियो मिला था।जिसमें राजीव सिंह खुद को एक पुलिस अधिकारी बता कर किसी से बात कर रहा था।इसी मामले को लेकर एसआईटी टीम ने डोरंडा थाना में मामला दर्ज कराया है।
सीआईडी (एसआईटी)की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि राजीव सिंह अपने मोबाइल से कई लोगों से पुलिस का अधिकारी बन कर बात करता था। सीआईडी के पास इसका ऑडियो क्लिप भी है। राजीव के खिलाफ रेमदेसीविर मामले में पहले से प्राथमिकी दर्ज है। राजीव इसी मामले में जेल में बंद है। रेमदेसीविर मामले में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम की भी भूमिका सामने आई है। डोरंडा पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है। राजीव को जेल भेजने से पहले सीआईडी ने उसका मोबाइल जप्त कर लिया था। मोबाइल के आधार पर इस बात का खुलासा हुआ है कि राजीव लोगों से काम कराने के बदले पैसा लेता था। राजीव किन-किन लोगों से बातचीत करता था इसकी जांच की जा रही है।
बता दें मामले की जांच सीआईडी के निवर्तमान एडीजी अनिल पलटा के नेतृत्व में बनी एसआईटी की टीम कर रही है। राज्य सरकार ने इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बीते 21 जून अदालत को बताया था कि सरकार इस मामले की जांच एसआईटी से करवाने के पक्ष में है,और उस एसआईटी का नेतृत्व वरीय आईपीएस अधिकारी अनिल पालटा को ही करेंगे।अदालत ने राज्य सरकार के इस प्रपोजल को स्वीकार करते हुए, निर्देश दिया था,कि एसआईटी अपनी पुरानी टीम के साथ जांच जारी रखें और समय-समय पर जांच की विस्तृत रिपोर्ट अदालत को सीलबंद लिफाफे में दे।
रेमडेसिविर की कालाबाजारी का खुलासा एक स्टिंग के बाद हुआ था।उसके बाद पुलिस ने राजीव कुमार सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था।बाद में कोतवाली थाने में दर्ज इस कांड को सीआईडी ने टेकओवर कर लिया था।इसकी जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं,जबकि सीआईडी एडीजी रहते हुए अनिल पालटा केस की मॉनिटरिंग कर रहे थे।