Ranchi:झारखण्ड कांग्रेस प्रभारी पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज,शहर अंचल सीओ ने कोतवाली थाना में दर्ज कराया
राँची।झारखण्ड के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय पर कोतवाली थाना में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।ये मामला शहर अंचल सीओ अमित भगत के द्वारा कोतवाली थाना में दर्ज कराया है।पुलिस ने सीओ के दिए आवेदन पर धारा-188 आईपीसी,और 130 रिपेरजेंटेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।आगे की जांच कर रही है।
सीओ अमित भगत कोतवाली थाना दिये आवेदन में लिखा है कि सचिव,राज्य निर्वाचन आयोग,झारखण्ड के पत्रांक 03 नि.पं0-05/2022 रा.नि.आ.1033 के अनुसार झारखण्ड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी श्री अविनाश पाण्डेय के बयान कांग्रेस का प्रयास होगा कि पंचायत चुनाव में जीत कर आए जन प्रतिनिधियों को पार्टी में जगह दी जाएगी ताकि जनप्रतिनिधियों के अनुभव का उपयोग संगठन की मजबूती में किया जा सके, को प्रथम दृष्ट्या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है।विदित हो दिनांक 4 मई 2022 को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में श्री पाण्डेय के द्वारा यह बयान दिया गया था।अत:अनुरोध है कि सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई की कृपा की जाए।
बता दें पिछले दिनों कांग्रेस प्रभारी झारखण्ड दौरे पर आए थे।पार्टी के कार्यक्रम में भाग लेने राँची पहुंचे पांडेय ने बयान दिया था कि पंचायत चुनाव में जीतनेवाले प्रतिनिधियों को पार्टी में जगह दी जाएगी। इस बयान आपत्ति जताते हुए भाजपा ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी जिसे प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानकर आयोग ने राँची के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश दिया था।इस आदेश के बाद आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में पांडेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना हो गया था।
इसके पूर्व भाजपा ने सत्ता में शामिल पार्टी कांग्रेस के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा ने आयोग से आग्रह किया था कि पंचायत चुनाव संपन्न होने तक पांडेय को झारखण्ड आने से रोका जाए।पार्टी की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 4 मई 2022 को कांग्रेस की बैठक के बाद अविनाश पांडेय ने जो घोषणा की वह पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा ने अखबारों में प्रमुखता से छपी खबरों का हवाला देते हुए अविनाश पांडेय के बयानों की पुष्टि की।भाजपा ने कहा है कि इस प्रकार की घोषणा सीधे तौर पर न सिर्फ प्रत्याशियों को बल्कि मतदाताओं को भी लोभ, लालच देने के जैसा है। यह चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन है।