Ranchi:पूर्व डीजीपी एमवी राव हुए सेवानिवृत्त,जैप वन मैदान में विदाई समारोह में दी गई सलामी,डीजीपी नीरज सिन्हा सहित पुलिस के अन्य अधिकारी शामिल हुए
राँची।झारखण्ड कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी एमवी राव आज 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत्त हो गए। डीजी होम गार्ड और अग्निशमन पद से एमवी राव सेवानिवृत्त हुए है।आज गुरुवार को जैप वन मैदान में आयोजित विदाई समारोह कार्यक्रम में जवानों के द्वारा उन्हे सलामी दी गई। एमवी राव जैप वन मैदान में सभी अधिकारियों से मुलाकात की और उसके बाद परेड का निरीक्षण किया।इस दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
15 मार्च 2020 को एमवी राव बने थे झारखण्ड के प्रभारी डीजीपी:
एमवी राव मूल रूप से आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिला के रहने वाले हैं।एमवी राव बीते वर्ष 15 मार्च 2020 को झारखण्ड के प्रभारी डीजीपी बनाए गए थे।उन्होंने इस पद पर 11 माह का कार्यकाल पूरा किया। 12 फरवरी 2021 को उन्होंने नए डीजीपी नीरज सिन्हा को डीजीपी का पदभार दे दिया।
प्रभारी डीजीपी रहते हुए चर्चित हुए इनके कई शब्द
जब प्रभारी डीजीपी बने थे तो कई बार एमवी राव ने अपने शब्दों से लोगों का ध्यान आकृष्ट किया था।राँची में एक घटना के बाद उनका एक बयान आया था “आयरन हैंड” से कुचल देंगे।ये आयरन हैंड बहुत ही प्रचलित हो गया था।आज तक लोगों के जुबान में है ये शब्द।जब भी किसी डीजीपी का नाम लिया जाएगा तो ये शब्द लोगों के जहन में जरूर आएगा।वेसे प्रभारी डीजीपी रहते हुए राजनीति दलों के निशाने पर भर आ गए थे।इन पर आरोप भी लगा कि सिर्फ सरकार के लिए काम कर रहे है।लेकिन सब बातों का दरकिनार करते हुए अपने कार्य मे लगे रहे थे।
राव तेज-तर्रार आइपीएस माने जाते थे एमवी राव
एमवी राव झारखण्ड कैडर के आइपीएस हैं।श्री राव तेज-तर्रार आइपीएस माने जाते थे. लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में रहने के बाद वर्ष 2017 में वह झारखण्ड लौटे थे. तब सरकार ने उनका तबादला सीआइडी में एडीजी के पद पर किया था जिस वक्त उन्हें सीआइडी में पदस्थापित किया गया, उस वक्त सीआइडी में कई बड़े मामले जांच के लिए लंबित थे. उन्होंने सभी मामलों की जांच में तेजी लायी।जिसमें बकोरिया कांड भी शामिल था. बकोरिया कांड में तेजी लाने की वजह से वह विभाग के ही सीनियर अफसरों के निशाने पर आ गये. खास कर डीजीपी डीके पांडेय के निशाने पर एमवी राव ने सरकार के समक्ष पूरे मामले की जानकारी रखी। लेकिन सरकार ने उनका तबादला दिल्ली कर दिया था. जिसके बाद श्री राव ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव समेत अन्य कई महत्वपूर्ण लोगों को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने पूरे मामले की जानकारी दी. साथ ही बताया कि कैसे डीजीपी डीके पांडेय ने उन्हें बकोरिया कांड की जांच को धीमा करने के लिए कहा था।राज्य के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने एमवी राव से यह भी कहा था कि न्यायालय के किसी आदेश से चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है।लेकिन श्री राव ने डीजीपी के इस मौखिक निर्देश का विरोध करते हुए जांच की गति सुस्त करने, साक्ष्यों को मिटाने और फर्जी साक्ष्य बनाने से इनकार कर दिया था. उनके तबादले के बाद सीआइडी ने बकोरिया कांड में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दायर की. जिसके बाद हाइकोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था।