RANCHI:मेरे खिलाफ पिछले कुछ दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें कुछ विशेष मीडिया कर्मियों द्वारा चलाई जा रही है: अनुराग गुप्ता
राँची।आईपीएस अधिकारी एडीजी अनुराग गुप्ता प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ पिछले कुछ दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें कुछ विशेष मीडिया कर्मियों द्वारा चलाई जा रही है.कुछ माह पूर्व मेरे खिलाफ एक खबर चलाई गई कि जब मैं बिजली बोर्ड में आईजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत था तो मैंने गलत तरीके से विजिलेंस रिपोर्ट समर्पित की थी.तब भी मैंने इस गलत खबर का खंडन भी किया था.इसके बाद कुछ दिन पहले एक दूसरी खबर चलाई गई जिसके अंदर मुझे धनबाद में हुई गांजा तस्करी के एक मामले में फंसाने का प्रयास किया गया।
क्या है श्री गुप्ता का बयान-
–आप सभी मीडिया कर्मियों के माध्यम से मैं अपने विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के बारे में बताना चाहता हूं|
मेरे खिलाफ पिछले कुछ दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें कुछ विशेष मीडिया कर्मियों द्वारा चलाई जा रही है|
कुछ माह पूर्व मेरे खिलाफ एक खबर चलाई गई कि जब मैं बिजली बोर्ड में आईजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत था तो मैंने गलत तरीके से विजिलेंस report समर्पित की थी| तब भी मैंने इस गलत खबर का खंडन भी किया था|
इसके बाद कुछ दिन पहले एक दूसरी खबर चलाई गई जिसके अंदर मुझे धनबाद में हुई गांजा तस्करी के एक मामले में फंसाने का प्रयास किया गया|
मैं आप सब को बताना चाहूंगा कि इस प्रकरण में भुक्तभोगी महिला जिसके पति को कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा गलत केस में जेल भेजा गया था कि मैंने स्वयं मदद की थी| यह महिला मुझसे मिली थी और उसने बताया था कि उसके पति को निरसा थाना में झूठा फंसाया गया है और यह भी बताया था कि इस कांड में पश्चिम बंगाल पुलिस के कुछ अधिकारी मिले हुए हैं| मैंने तत्काल उसी समय धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक को फोन करके पूरी बात की जानकारी दी थी और उस महिला को SSP धनबाद से मिलने के लिए बोला था| कुछ दिन के बाद उस महिला ने मुझे फिर कॉल किया और बताया कि उसके पति के खिलाफ Godda जिला के महागामा थाना में एक और warrant भी निकाल दिया गया है| तब मैंने तुरंत Godda के एसपी को फोन करके पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी| मुझे अच्छे से याद आएगी Godda के एसपी ने बताया था कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है परंतु वह तुरंत जांच करके अवश्य कार्यवाही करेंगे और यदि किसी के द्वारा उक्त महिला के पति को बेवजह फंसाया गया है तो उसे कांड से निकाल देंगे| मेरे लिए यह प्रकरण वही खत्म हो गया और मैं इससे अधिक कुछ नहीं जानता हूं| परंतु कुछ दिन पूर्व कुछ मीडिया कर्मियों ने खबर लिखना शुरू किया कि उक्त महिला के पति को मेरे इशारा पर इस कांड में फंसाया गया था।मुझे जानकारी मिली है कि इस प्रकरण जांच की जा रही है उम्मीद करता हूं कि जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे| इस कांड में मेरे साथ एक मनोज गुप्ता का भी नाम जोड़ा गया| मुझे इस कांड में मनोज गुप्ता के संबंध में या उनकी इस प्रकरण में संलिप्तता के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है| यदि वह इस कांड में संलिप्त है तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए| उस महिला का नाम और मोबाइल नंबर आज भी मेरे पास मेरे मोबाइल में सेव है|
इसके बाद एक नया प्रकरण शुरू किया गया है और एक धनबाद के व्यवसाय का टीवी interview करके मुझ पर पैसा वसूलने के गंभीर आरोप बिना किसी प्रकार के कोई तथ्य / प्रमाण के लगाए जा रहे हैं| अपने बयान में इस व्यवसाई ने मनोज गुप्ता को मेरा एजेंट बताया है| मैंने किसी मनोज गुप्ता को तभी भी इस प्रकार का कोई भी गलत काम करने को कभी नहीं कहा है| आरोप सरासर झूठा है| यदि मनोज गुप्ता या अन्य किसी व्यक्ति ने मेरा नाम लेकर कोई वसूली की है तो क्यों नहीं व्यवसाई उन पर उचित कार्रवाई करते हैं?मेरी इस व्यवसाई से कभी किसी प्रकार की कोई बातचीत/ मुलाकात कुछ भी नहीं है| मैं इस व्यवसाय को जानता नहीं हूं और ना कभी मिला हूं|
समर्पित
अनुराग गुप्ता
एडीजी सीआईडी पद पर थे उसी समय सस्पेंड किया गया था
बता दें अनुराग गुप्ता को सीआईडी के एडीजी थे,उसी समय 14 फरवरी को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।आज तकरीब 90 दिनों से ज्यादा हो गया है।लेकिन अभीतक कोई ऐसी जांच या रिपोर्ट नहीं आई है जो अनुराग गुप्ता दोषी माना जाए।सूत्रों की माने तो एडीजी का सस्पेंसन मुख्यमंत्री खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन कुछ लोगों के द्वारा रुकावटें पैदा कर रही है।इसलिए इतने दिनों के बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।सूत्र बताते है कि सीएम एडीजी अनुराग गुप्ता का फ़ाइल मंगाये थे।किसी कारण वश निर्णय नहीं ले पाएं हैं।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एडीजी अनुराग गुप्ता के मामले में सीएम जल्द निर्णय लेंगे।
क्यों सस्पेंड किया–
राज्य सरकार बदलते ही सरकार ने कई ऐसे अफसरों को हटाया या उसे दुसरे जगहों पर पदस्थापित किया गया।एडीजी अनुराग गुप्ता पर इल्जाम लगाया गया कि एडीजी पद पर रहते हुए किसी एक राजनीति दल को फायदा पहुंचाने का काम किया है।राज्य सभा चुनाव में एनडीए सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव विधायक को धमकाया है।इसी मामले में भाजपा सरकार जाते ही नई जेएमएम की सरकार ने एडीजी पर कार्यवाही की है।जब सस्पेंड किया गया तो सरकार की ओर से तथ्य दिया गया कि एडीजी रहते जांच सही नहीं हो सकता है इसलिए सस्पेंड किया गया।लेकिन सूत्रों से जो जानकारी मिली है।कोई ऐसा तथ्य नहीं मिला है जो एडीजी दोषी पाया गया है।