गिरिडीह एसपी के निर्देश पर पुलिस ने की गांव की घेराबंदी,इंजीनियरिंग छात्र की हत्या मामले में 4 साल से फरार नक्सली को दबोचा…..
राँची।झारखण्ड के गिरिडीह पुलिस ने फरार नक्सली को झारखण्ड बिहार बॉर्डर पर दबोचा है।गिरफ्तार नक्सली बिहार के जमुई जिले में घर में घुसकर इंजीनियरिंग छात्र की हत्या के आरोप में फरार था।बीते चार साल से झारखण्ड के इलाके में छुपा था। एसपी दीपक कुमार शर्मा को मिली गुप्त सूचना पर गिरिडीह के तिसरी के थानडीहसिंह ओपी के थानेदार आनंद सिंह ने चार साल से फरार नक्सली को गिरफ्तार किया है। थानसिंहडीह ओपी पुलिस के हत्थे चढ़ा नक्सली बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना कांड संख्या 467/20 का फरार है।इसी दौरान गुरुवार की शाम एसपी को गुप्त सूचना मिली थी ओपी इलाका के एक गांव में नक्सली केदार यादव छुपा है।उसके बाद दलबल के साथ थाना प्रभारी ने उस गांव में दबिश दिया,और चार साल से फरार नक्सली केदार यादव को दबोचने में सफल रही।इस नक्सली से पूछताछ कर जेल भेज दिया है।जानकारी के अनुसार नक्सली केदार यादव का संबध जमुई के प्रवेश दा के दस्ते से था।
बताया जाता है कि एक नवंबर 2020 को बिहार के जमुई में इंजीनियरिंग के छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को उस समय अंजाम दिया गया, जब छात्र घर की छत पर बैठकर पढ़ाई कर रहा था।एक दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने दरवाजा तोड़कर घर में एंट्री की।इसके बाद वे छात्र के पिता को खोजते हुए छत तक पहुंचे पिता नहीं मिला, तो छात्र को गोली मार दी घटना खैरा थानाक्षेत्र के अरुणमाबांग की है।यहां के रहने वाले मुद्रिका यादव के घर में देर रात हथियारों से लैस बदमाशों ने धावा बोला।दरवाजे को तोड़कर बदमाशों ने घर में एंट्री की।घटना के समय मुद्रिका यादव घर पर नहीं थे। उनकी पत्नी कमरे में थी और बेटा अंकित कुमार छत पर पढ़ाई कर रहा था।बताया गया है कि घर में घुसते ही बदमाश मुद्रिका यादव को तलाश करने लगे।मुद्रिका यादव को खोजते हुए छत पर चले गये, जहां अंकित मिल गया। बदमाशों ने अंकित को बंदूक की नोक पर ले लिया और नीचे आ गये।इस दौरान अंकित की मां से एक लाख रुपये की डिमांड की और फिर अंकित को गोली मार दी।गिरफ्तार नक्सली पर कई मामले दर्ज है।
मृतक के पिता मुद्रिका यादव ने पुलिस को बताया था कि ये घटना चुनावी रंजिश के चलते हुई है।पुलिस ने इस मामले में धनवे गांव के रहने वाले मुखिया मदन सिंह और दरिमा गांव निवासी डीपी यादव, प्रमोद यादव, केदार यादव सहित एक दर्जन अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।