लापता के 42वें दिन एक पर्चा ने खोला रश्मि हत्याकांड का राज,प्रेमी पंकज गिरफ्तार…
राँची।राजधानी राँची के चुटिया इलाके से 13 फरवरी को लापता हुई लड़की की 42वें दिन सनसनीखेज मौत का खुलासा हुआ है।राँची पुलिस ने करीब ढेड़ महीने से एक लड़की की गुमशुदगी और कंकाल के बरामदगी की गुत्थी नहीं सुलझा पाई थी। लेकिन एक दिन एक छोटी सी रसीद ने इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री के तमाम राज से पर्दा हटा दिया।
क्या है मामला
राजधानी के चुटिया क्षेत्रे से 13 फरवरी 2023 से गायब रश्मि मुंडा अब इस दुनिया में नहीं है।जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र के उकरीद पहाड़ी से 27 फरवरी को बरामद कंकाल उसी लापता रश्मि का ही था।इसका खुलासा तब हुआ है जब युवती के प्रेमी पंकज महतो की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले तक पुलिस लड़की को गुमशुदा मानकर उसकी तलाश में लगी हुई थी। चुटिया थाना इलाके की रहने वाली रश्मि 13 फरवरी को अचानक अपने घर से गायब गई थी।युवती ने अपने परिवार वालों को यह बताया था कि वह अपने एक दोस्त से मोबाइल लेने के लिए जा रही है लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। परजिनों ने कई दिनों तक अपने हिसाब से खोजबीन की।जब कोई पता नहीं चला तो 24 फरवरी को परिजनों ने पुत्री की गुमशुदगी को लेकर चुटिया थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई।सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि ओरमांझी इलाके के रहने वाले एक युवक पंकज महतो से लड़की की अक्सर बातचीत हुआ करती थी। चुटिया पुलिस ने पंकज को बुलाकर पूछताछ की। जिसमें उसने पुलिस को यह कहकर बरगला दिया कि वह युवती उसकी दोस्ती मात्र थी और वह उसे बहन के रूप में अक्सर उसकी इसी बहाने बातचीत हुआ करती थी। पंकज का बयान लेकर और परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर चुटिया थाना पुलिस लड़की की तलाश करती रही लेकिन वह मिली नहीं।
थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर वेंकटेश कुमार ने बताया कि घर से गायब रश्मि के परिजनों को पुत्री के गायब हो जाने के बाद किसी पर कोई शक नहीं था उन्होंने पुलिस के सामने भी यह बताया था कि उसका किसी से प्रेम प्रसंग भी नहीं था।परिजनों को लगा था कि वो परिवार वालों से नाराज होकर अपनी किसी सहेली के घर चली गई होगी।इसलिए परिजन उसके घर लौटने का इंतजार करते रहे।इसलिए लापता होने के करीब 10 दिनों तक पुलिस को जानकारी नहीं दी गई थी।वहीं युवती और पंकज के रिश्ते को लेकर परिजनों को हवा तक नहीं थी।
बताया गया कि युवती के परिजन अपनी बेटी के सकुशल लौट जाने की राह देख रहे थे।इस घटना को करीब डेढ़ महीने बीत चुके थे। इसी बीच 25 मार्च को युवती की माँ ने युवती के घर में पड़े कुछ किताब के पन्ने को यूं ही पलटना शुरू किया तो उसके अंदर से एक डॉक्टर का पर्चा मिला।उस पर्चे को देखकर परिवार वाले सहम गए और भागे भागे चुटिया थाना प्रभारी के पास पहुंचे।युवती के परिवार वालों को यह जानकारी तक नहीं थी कि उसका कभी गर्भपात भी हुआ है।
थाना प्रभारी ने बताया कि जब उन्हें पर्चा दिया गया तो पर्चा देखकर उसके भी होश उड़ गए।क्योंकि जिस पंकज को पहले पकड़ पुछताछ की उसका नाम पति के रूप में लिखा था।शायद गर्भपात के दौरान पंकज ने डॉक्टर को पति के रूप में बताया होगा।बताया कि उसके बाद तुरन्त फिर 27 मार्च को पंकज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।वहीं पुलिस की एक टीम आनन- फानन में उस नर्सिंग होम में पहुंची जहां उसका गर्भपात किया गया था।रजिस्टर चेक करने पर उसमें एक ऐसा नाम सामने आया जो पुलिस के लिए नया नहीं था लेकिन बेहद चौंकाने वाला था, उस रजिस्टर में पंकज का नाम लिखा हुआ था। युवती के पति के रूप में पंकज ने अपना नाम गर्भपात के समय अस्पताल में दर्ज करवाया था।
इधर लड़की के गर्भपात की रसीद हाथ में आते ही चुटिया पुलिस ने आनन-फानन में ओरमांझी पुलिस से संपर्क किया।इस मामले की जानकारी मिलते ही ओरमांझी पुलिस में पंकज को बिना देरी किए हिरासत में ले लिया। इस दौरान पंकज को यह समझ में नहीं आया कि आखिर उसे ओरमांझी पुलिस ने क्यों उठाया है।लेकिन जब उसे चुटिया थाना लाया गया और लड़की के गर्भपात का कागज दिखाकर उससे पूछताछ शुरू हुई तो वह टूट गया और उसने घटना की पूरी दास्तां बयां की।
प्रेमी पंकज ने पुलिस को बताया कि 13 फरवरी को युवती उसके पास आ गई और साथ में ही रहने की जिद करने लगी जिसके बाद वो उसे लेकर ओरमांझी आ गया। रात में एक साथ रहने को लेकर उसके साथ उसका जबरदस्त झगड़ा हुआ और दोनों में जमकर हाथापाई भी हुई। इसी दौरान अचानक युवती की मौत हो गई।उसकी मौत से घबराकर उसने शव को अहले सुबह करीब 3 बजे ठिकाने लगाने की सोच ली। जिसके बाद वह उसके शव को एक बोरे में भरकर ओरमांझी के उकरिद जंगल ले गया।घने जंगल के पास ले जाकर शव पर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया।उसके बाद पंकज अपने घर लौट आया।
इधर पकड़े जाने के बाद पंकज ने पुलिस को पहले एक अलग ही कहानी बताता रहा। पंकज के अनुसार 14 फरवरी की रात युवती दूसरे कमरे में सो रही थी, जहां उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना से वो काफी डर गया था इसलिए उसने शव को जला दिया था।
बता दें 27 फरवरी को जिले के ओरमांझी पुलिस को ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि उकरिद के जंगलों में एक कंकाल पड़ा हुआ है जलने की वजह से शव महिला का है या पुरुष का यह जानकारी नहीं हो पाई थी। क्योंकि शव पूरी तरह से जल चुका था और उसमें सिर्फ हड्डियां ही बची थीं।ओरमांझी पुलिस ने उस दौरान कंकाल को अपने कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम की कार्रवाई को पूरा करने के लिए रिम्स भेज दिया था।
42 दिन से जिस बेटी के जिंदा होने की आस लगाए थे, परिजन अब उसी के कंकाल का अंतिम संस्कार करेंगे।पुलिस की तरफ से इसकी पहल की जा रही है। आवश्यक कागजी कार्रवाई करने के बाद बरामद शव के अवशेष परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।