#महाराष्ट्र के बहुचर्चित भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने राँची के स्टेन स्वामी समेत 8 लोगों के खिलाफ किया पूरक आरोप पत्र दाखिल..

राँची।महाराष्ट्र के बहुचर्चित भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने स्टेन स्वामी समेत 8 लोगों के खिलाफ किया पूरक आरोप पत्र दाखिल. गौरतलब है की शुक्रवार को एनआईए ने मुंबई के एनआईए स्पेशल कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया है।आईपीसी की धारा 120 बी, 115,121,121 ए,124 ए,153 ए, 201, 505 (1) (बी) और 34 के तहत अपराधों के लिए 13, 16, 17, 18, 18 ए, 18 बी, 20, 38, 39 और 40 गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967. एनआईए स्पेशल कोर्ट में जिन आठ लोगों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है।उसमें स्टेन स्वामी, आनंद तेलतुम्बडे, गौतम नवलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, ओ वाकड,रमेश गाइचोर,ज्योति जगताप, और
मिलिंद तेलतुम्बडे शामिल है।

एनआईए ने गुरुवार को स्टेन स्वामी को हिरासत में लिया था:

महाराष्ट्र के बहुचर्चित भीमा कोरेगांव में हिंसा की साजिश रचने की संलिप्तता के आरोप में एनआईए ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को उनके राँची नामकुम बगईचा स्थित आवास से हिरासत में ले लिया था।इस वर्ष जनवरी में एनआईए ने यह केस टेकओवर किया था. पहली बार फादर स्टेन स्वामी से अगस्त में पूछताछ भी की थी. खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताने वाले फादर स्टेन स्वामी पर आरोप है कि उनके और उनके साथियों के भड़काऊ भाषण के बाद ही एक जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी।इस मामले में एनआईए दो माह पहले छह अगस्त को भी फादर स्टेन स्वामी के घर पहुंची थी और करीब ढाई घंटे तक उनके आवास में छानबीन करते हुए पूछताछ की थी. इस मामले में एनआईए से पहले महाराष्ट्र पुलिस अनुसंधान कर रही थी. महाराष्ट्र पुलिस भी फादर स्टेन स्वामी से पूर्व में दो बार पूछताछ कर चुकी है.पहली बार 28 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र पुलिस उनके आवास पर पहुंची थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मुंबई की टीम ने 83 साल के सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को आज शुक्रवार सुबह उन्हें विमान से मुंबई ले जाया गया।जहां विशेष एनआईए अदालत ने उन्हें 23 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इधर गिरफ्तारी को लेकर राँची में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। आज, शुक्रवार शाम चार बजे अलबर्ट एक्का चौक पर बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एनआईए की ओर से की गई इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया।

जनवरी 2018 में पुणे के पास हुई थी हिंसा:

पुणे के भीमा कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़की थी .इस रैली के बाद संसावाड़ी में हिंसा भड़क उठी थी।कुछ क्षेत्रों में पत्थरबाजी की घटना हुई. उपद्रव के दौरान एक नौजवान की जान भी गई थी. हिंसा की घटना के एक दिन पहले वहां यलगार परिषद के बैनर तले एक रैली भी हुई थी.आरोप है कि इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका तैयार की गई थी.इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगा था. पुलिस ने कई साक्ष्य भी बरामद किए थे।

error: Content is protected !!