लापरवाही:जिसे थी ऑक्सीजन की जरूरत उसे लगा दी सुई,हुई माैत,परिजनों का हंगामा
धनबाद।कोरोना के भयावह रूप के एक ये भी रूप बहुत भयावह है कि इलाज में कोताही से कितने मरीजों की जान चली गई है।इधर केंद्रीय अस्पताल में भी ऐसा ही एक मामला आया है।कर्मचारी को समझ मे नहीं आ रहे है क्या कर रहे हैं।इस अस्पताल में ना बीसीसीएल अधिकारियों का वश चल रहा है ना ही केंद्रीय अस्पताल के सीएमएस ही नियंत्रण कर पा रहे हैं। सीएचडी के कर्मचारी अपने बीसीसीएल कर्मचारियों से भी जरा सी भी सहानुभूति नहीं बरत रहे। मनमर्जी पर उतर गए हैं।इसलिए ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा ही रविवार रात को भी हुआ। रविवार रात को केंद्रीय अस्पताल के एम एस 2 वार्ड में 40 मरीज भर्ती थे। उन्हें देखने ना चिकित्सक जा रहे थे ना ही चिकित्सा कर्मी। रात को एक मरीज का निधन हो गया। इसके बाद उनके परिजनों ने चिकित्सा कर्मियों व चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इससे गुस्साए चिकित्सा कर्मियों ने तमाम मरीजों को अंदर ही छोड़ दिया और बाहर से ताला लगा कर निकल गए। परिणाम रात भर मरीज खौफ के साए में कांपते रहे। उनके परिजन बाहर परेशान होते रहे।
केंद्रीय अस्पताल के कर्मचारियों की समस्याएं यहीं खत्म नहीं हुई। सुबह वार्ड खुला तो एक पेशेंट जो लोदना एरिया में फिटर का काम करता है इस्लाम अंसारी, उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। बगैर चिकित्सकों के परामर्श के ही उसे इंजेक्शन दे दिया गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी फरार हो गए।
डीसी ने सीएमडी को लिखा पत्र
इधर केंद्रीय अस्पताल के कर्मियों के मनमर्जी के कारण सीएमएस डॉ. आरके ठाकुर ने जिला प्रशासन के आगे हाथ खड़े कर दिए हैं। और कह दिया है कि वे उनसे नहीं संभाल रहे। परिणाम यह निकला है उपायुक्त ने CMD को चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों और चिकित्सकों का रोस्टर बनाने का निर्देश दिया है कि आपदा के समय हर किसी को गंभीर होना होगा या भुगतना होगा।