आरयू के डॉ रामदयाल मुंडा सभागार में मातृभाषा दिवस का आयोजन
रांची : आज दिनांक 20 फरवरी 2020, दिन गुरूवार को रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग स्थित पद्मश्री डाक्टर रामदयाल मुंडा सभागार में मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में रांची महिला कालेज की प्राध्यापिका डाक्टर सविता केसरी ने कहा कि भाषा ईश्वर है, भगवान है। यह वह ताकत है जो जमाने को मोड़ देती है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा को बचाने के लिये हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा।
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जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर हरि उराँव ने कहा कि हमें अपनी भाषा चैलेंज के रूप में लेना होगा। क्योंकि जिस समाज की अपनी मातृभाषा और अपनी संस्कृति नहीं होती है उस समाज की अपनी कोई पहचान नहीं होती है।
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डाक्टर उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि जिस समाज के मातृभाषा का विकास नहीं हुआ, वह समाज और क्षेत्र विपुल संसाधनों के बावजूद भी कभी विकास नहीं कर पाया। अविकसित ही रहा और जिस समाज ने, जिस क्षेत्र ने अपनी मातृभाषा को संरक्षित व संवर्धित कर मान सम्मान दिया, वह आज विकास की राह पर उत्तरोत्तर बढ़ता ही जा रहा है। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिये।
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किशोर सुरीन ने कहा कि मातृभाषा भाषा माँ के दूध के समान होता है। इसके बिना हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं।
इनके अलावा प्राध्यापक डाक्टर नाफर अली, डाक्टर अशोक कुमार बड़ाईक, करम सिंह मुंडा, अरुण अमित तिग्गा, नेहा भगत, एवं युगेश कुमार ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। मौके पर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्राध्यापकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण, शोधकर्तागण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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