प्रेमजाल में फंसकर नाबालिग लड़की बन गई माँ:प्रसव कराने वाली नर्स ने नवजात को अवैध तरीके से अपने परिचित दम्पति को दे दिया,जिला बाल कल्याण समिति ने नवजात को रेस्क्यू कराकर विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान राँची भेजा
गढ़वा।झारखण्ड में कुंवारी नाबालिग लड़की के माँ बनने तथा प्रसव कराने वाली नर्स द्वारा नवजात बच्ची को अवैध तरीके से एक अन्य दंपती को हस्तांतरित करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में जिला बाल कल्याण समिति ने पालक परिवार से नवजात को रेस्क्यू कराकर विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान राँची भेज दिया है। जबकि प्रसूता 17 वर्षीया कुंवारी नाबालिग की सीडब्ल्यूसी में शुक्रवार को काउंसिलिग कराया है। साथ ही प्रसव कराने वाली नर्स माया कुमारी की काउंसिलिग के बाद उसके विरुद्ध जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं प्रसूता के सामाजिक आर्थिक जांच के लिए सीडब्ल्यूसी ने टीम गठित कर कार्रवाई शुरू की है।
रिश्तेदार के प्रेमजाल में फंसकर नाबालिग लड़की बन गई माँ
बता दें पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहनेवाली नाबालिग लड़की का उसके रिश्तेदार सह जिले के डंडई थाना क्षेत्र के जरदे गांव निवासी जयनंद विश्वकर्मा के साथ मई 2019 से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस दौरान शादी कर लेने का झांसा देकर नाबालिग लड़की से उसके कथित प्रेमी ने कई बार दुष्कर्म किया था। बताया गया कि जब नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई तो कथित प्रेमी ने पल्ला झाड़ लिया। लोकलाज के डर से पीड़िता नाबालिग व उसके परिवार के लोगों ने मामले को दबाए रखा।
छह अप्रैल को नाबालिग का कराया गया प्रसव
पीड़िता नाबालिग का गढ़वा के चिरौंजिया स्थित नर्स माया कुमारी पति धर्मेंद्र गुप्ता के आवास पर छह अप्रैल 2021 को प्रसव कराया गया था। खरौंधी थाना क्षेत्र के मझिगावां गांव की रहनेवाली माया कुमारी चिरौंजिया में रहकर गढ़वा ब्लाक के सामने लक्ष्मी नर्सिंग होम नामक निजी अस्पताल में आनकाल ड्यूटी करती है। बताया गया कि रात में प्रसव के बाद प्रसूता नाबालिग के परिवारवालों ने नर्स माया कुमारी के पास कुछ दिनों के लिए नवजात को रखने का जिम्मा देकर घर चले गए। इसके पश्चात सात अप्रैल को माया कुमारी ने अपनी सहेली की नि:संतान ननद श्रीबंशीधरनगर थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव निवासी सनमानी देवी पति कामेश्वर राम को पालन पोषण के लिए दे दिया था।
–कुंवारी नाबालिग के प्रसव के बाद नवजात बच्ची को अवैध तरीके हस्तांतरित करने के मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई की जा रही है। प्रथम दृष्टया नवजात के खरीद-बिक्री का मामला नहीं लगता है। फिर भी इस विदु पर भी जांच कराई जाएगी। नवजात के जैविक पिता के बारे में सही जानकारी ली जा रही है।साथ ही जैविक माता पिता का पक्ष प्राप्त करने के बाद नवजात को अभ्यर्पित कराने की कार्रवाई की जाएगी।–उपेंद्रनाथ दूबे, चेयरपर्सन, सीडब्ल्यूसी, गढ़वा