बिकने वाला विधायक कहीं भी बिक जाएगा,सदन में भी बिक जाएगा, पिंटू, विनोद पांडे और सुप्रियो के कारण हेमंत गए जेल–लोबिन हेंब्रम
राँची।झारखण्ड में मचे सियासी घमासान के बीच जेएमएम के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम मीडिया के सामने आये और अपना आक्रोश जाहिर किया। रविवार को उन्होंने सबसे पहले झामुमो सुप्रीमो सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन से मुलाकात की और फिर मीडिया को संबोधित किया।विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि हेमंत सोरेन के आसपास रहने वाले लोगों ने उन्हें फंसाने का काम किया है।जिसमें मुख्य रूप से अभिषेक कुमार पिंटू, विनोद पांडे, सुप्रियो भट्टाचार्य का नाम शामिल है। इन्हीं के गलत सलाह के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा है। उन्होंने विधायकों के हैदराबाद जाने पर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा कि अगर इरादा सरकार को समर्थन देने का है तो कोई विधायक खरीदा नहीं जा सकता।अगर विधायकों के बिकने की मंशा होगी तो वह हैदराबाद तो क्या विधानसभा के अंदर भी बिक सकते हैं।
लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 5 तारीख को विधानसभा में सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने में उनका पूरा समर्थन रहेगा। लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से आग्रह करते हुए कहा कि विधानसभा में वे हमेशा जनता के हित के लिए कई मांगें करते रहे हैं। जिसे पूरा करना होगा।लोबिन हेंब्रम ने अपनी पहली मांग बताते हुए कहा कि झारखंड को सबसे पहले नशामुक्त राज्य बनाया जाये। उन्होंने कहा कि विधानसभा में वे झारखण्ड को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है।इसके अलावा झारखण्ड में ऐसी कई खदानें हैं। इनके अधिग्रहण के लिए हजारों लोगों को विस्थापित किया गया है, लेकिन अब तक किसी भी विस्थापित को मुआवजा नहीं मिला है। इसलिए उन्होंने सरकार से मांग की कि राज्य में विस्थापन आयोग का गठन किया जाये।
लोबिन हेम्ब्रम ने सरकार से यह भी मांग की है कि ग्राम सभा को मजबूत करने के लिए पेसा कानून को झारखण्ड में मजबूती से लागू किया जाये। उनका कहना है कि झारखण्ड के विभिन्न खदानों में स्थानीय लोगों को हितधारक बनाया जाना चाहिए ताकि यहां की धन-संपत्ति से झारखण्ड के लोगों का उत्थान हो सके। इसके अलावा उन्होंने सीएनटी व एसपीटी एक्ट को सही ढंग से लागू करने की भी मांग की।
विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि ब्रिटिश काल से ही झारखण्ड में एसपीटी/सीएनटी एक्ट लागू है, लेकिन इसके बावजूद आदिवासियों की जमीन धड़ल्ले से बेची जा रही है। इसका सीधा नुकसान झारखण्ड के मूल आदिवासी और स्थानीय लोगों को हो रहा है।सरकार में बैठे अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने इन चार प्रमुख मांगों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।