Jharkhand:दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में खनन माफिया ने जाँच करने पहुँचे खनन पदाधिकारी और सीओ का विरोध और बतमीजी की,खनन माफिया समेत कई पर मामला दर्ज।
दुमका।झारखण्ड के दुमका जिले में प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी शिकारीपाड़ा में पत्थर का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को मकड़ापहाड़ी के बाद चितरागड़िया में जांच के लिए गए जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार तांती व सीओ अमृता केशरी को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के बाद भी टीम जांच पूरी कर सुरक्षित निकल आई। डीएमओ ने अवैध खदान चलाने के आरोप में आदित्य गोस्वामी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
डीएमओ को जानकारी मिली थी कि मकड़ापहाड़ी व चितरागड़िया में अवैध रूप से खदान चल रहा है। वे सीओ अमृता केसरी व चंद पुलिस बल के साथ पहले मकड़ापहाड़ी गए तो यहां पर अवैध खदान का संचालन हो रहा था। टीम को देखते ही काम करने वाले लोग भाग निकले। इसके बाद टीम चितरागड़िया पहुंची। यहां पंचायत भवन से चंद कदम दूर घनी आबादी में खदान का संचालन चल रहा था। डीएमओ ने खदान में चल रहे एक हाइवा को जब्त करने का प्रयास किया तो काम करने वाले लोग विरोध में उतर आए। इसके बाद गांव से करीब एक सौ की संख्या में महिला व पुरुष आए और सीओ व डीएमओ को घेर लिया और बतमीजी की।ग्रामीणों का कहना था कि किसी भी हाल में खदान की जांच नहीं होने नहीं देंगे। लोगों ने उनके वाहनों को आगे बढ़ने से रोक दिया। सूचना मिलने पर शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी संजय सुमन मौके पर पहुंचे और किसी तरह से दोनों अधिकारियों को वहां से वापस भेजा। थानेदार ने बताया कि जिला खनन पदाधिकारी के बयान पर संचालक आदित्य गोस्वामी समेत चार के खिलाफ लिखित शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
घटना के सम्बंध में खनन पदाधिकारी और सीओ ने कहा-
प्लानिंग के तहत ग्रामीणों ने आवेश में आकर विरोध किया है। लोग जांच का विरोध कर रहे थे। लोग नहीं चाहते थे कि चितरागड़िया में अवैध कार्य बंद हो–दिलीप कुमार तांती, जिला खनन पदाधिकारी, दुमका
ग्रामीणों जांच का विरोध कर रहे थे। इसके बाद भी जांच पूरी की गई। पहले भी चितरागड़िया की अवैध खदान के संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद भी उसने फिर से अवैध कार्य शुरू कर दिया।–अमृता केसरी, सीओ दुमका