कार्तिक पूर्णिमा 2022:इक्कीसों महादेव मंदिर तट पर हजारों श्रद्धालु पहुँचें,लगायी स्वर्णरेखा नदी में डुबकी,मेला में भारी भीड़ जुटी है,सुरेश्वर महादेव मंदिर में जलार्पण के लिए लम्बी लाइनें ….
राँची।राजधानी राँची समेत राज्यभर में कार्तिक पूर्णिमा आज यानी मंगलवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है।राँची के स्वर्णरेखा नदी केतारी बागान चुटिया स्थित इक्कसवीं महादेव मंदिर के तट पर आज हजारों श्रद्धालु स्नान-ध्यान के साथ पूजा करने के लिए रात 2 बजे से जुटने लगे हैं। कार्तिक पूर्णिमा से पूर्व संध्या में ही पूरे परिसर में मेला लग चुका है। इसके अलावा स्वर्णरेखा नदी तट ही स्थित सुरेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है।बता दें कुछ सालों से स्वर्णरेखा नदी का पानी बहुत ही गंदा है। इस साल भी स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के कारण स्नान के लिए विशेष एक दर्जन से ज्यादा जलमीनार समिति के द्वारा बनाये गए है।
वहीं कार्तिक पूर्णिमा को लेकर स्वर्णरेखा नदी के तट पर मेला लग चुका है। पोस्टर, बैनर, साउंड, बाक्स, खिलौनों की दुकान समेत मेला सजी है।सबसे ज्यादा गन्ना की बिक्री हो रही है।श्रद्धालु प्रसाद के रूप में गन्ना (ईख) खरीद कर अपने घर ले जा रहे हैं।बता दें स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के कारण लोग फिर भी श्रद्धा भाव बहती नदी मे स्नान कर रहे हैं हालांकि स्नान के लिए अलग से समिति के सदस्यों द्वारा जलमीनार का निर्माण कराया गया है। वहीं स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के पीछे सबसे बड़ी वजह हरमू नदी का पानी है। हरमू नदी के सिवरेज और ड्रेनेज का पानी इक्कसवीं महादेव मंदिर के तट पर मिलता है। जिससे पूरे इक्कसवीं महादेव मंदिर के पास मौजूद स्वर्णरेखा का पानी काला और गंदा हो गया है। पानी इतना गंदा हो चुका है कि इसमें डूबकी लगाना किसी के बस में नही है।
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा आज है। इसे गंगा स्नान भी कहा जाता है। लोग व्रत रखते हैं। भोर में गंगा स्नान कर पूजन, दान करते हैं। इस बार आठ नवंबर को ही साल का आखरी चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। चंद्रग्रहण के चलते कई कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है। पंडितों का कहना है कि ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में अरुणोदय काल में गंगा स्नान करना पुण्यकारी होगा।
आज लग रहा चंद्र ग्रहण:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार को चंद्र ग्रहण लग रहा है। आज संध्या 5:10 बजे से 6:19 मिनट तक चंद्र ग्रहण रहेगा। जिसके कारण मंदिर के पट सुबह 8:38 मिनट के बाद बंद हो जाएंगे। इसे बाद सूतक लग जाएगा। सूतक लगने के कारण सभी शुभ कार्य बंद हो जाते है। सूतक लगने के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। हालांकि मेला और खाने पीने के आयोजन चलते रहेंगे।
इधर राज्य में कई जगहों पर सोमवार को ही मेला लगना शुरू हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर झारखण्ड में बहने वाली गंगा नदी, स्वर्णरखा, दामोदर, कोयल, खरकई और शंख नदी समेत अन्य छोटी-बड़ी नदियों के किनारे सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है। अलग-अलग नदियों के घाट में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर नदियों में स्नान कर तट पर अवस्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
स्वर्णरेखा केतारी बगान के तट पर मेला लगा हुआ है।इस साल बच्चों के लिए कई प्रकार के झूले लगे हुए है। जिसमें नाव, जंपिंग-जंपिंग, कार-बाइक झूला, छोटा टोरा-टोरी आदि झूले लग चुके है। इसके आलवा कई खिलौने की दुकान लगी हुई है।