कंगन ज्वेलरी लूटकांड:कोई सबूत नहीं छोड़ा था,फिर भी पकड़ा गया,राजधानी में रहकर बड़े बड़े घटना को अंजाम देने के लिए टीम तैयार करता था सौरभ और रूपेश
राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के लालपुर थाना क्षेत्र स्थित कंगन ज्वेलर्स लूटकांड मामले का खुलासा करते हुए राँची पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है।वहीं घटना में शामिल एक अपराधी फरार है।जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।वहीं पकड़े गए अपराधियों में सौरभ कुमार जो इस लूटकांड का मुख्य मास्टरमाइंड है।जो बहुत जी शातिराना तरीके से घटना को अंजाम दिया था।इसके ऊपर दर्जन भर मामले अलग अलग थाना में दर्ज है।दूसरा शातिर अपराधी रूपेश कुमार विश्वकर्मा शामिल है।जिसने डाल्टनगंज से गढ़वा रोड स्टेशन के बीच 2007 में शक्तिपुंज एक्सप्रेस में डकैती की घटना को अंजाम दिया था।इसके उप्पर अलग अलग थाना में करीब दो दर्जन मामले दर्ज है।दोनों ही बहुत शातिर अपराधी है।एक दशक से अपराध की घटना को अंजाम दे रहा है।
इस सम्बंध में मंगलवार की देर शाम एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने आधिकारिक रूप से चार अपराधियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की।उन्होंने प्रेसवार्ता में बताया कि पकड़े गए अपराधी पेशेवर हैं, दर्जनों लूट व डाका की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। कई जिलों में हुई लूटकांड की घटनाओं में नहीं पकड़े जाने पर उन्होंने रांची पुलिस को चैलेंज देने के लिए जिला के लालपुर थाना क्षेत्र को चुना। पकड़े जाने के बाद पूछताछ में सौरभ ने पुलिस से कहा कि मैंने अन्य चारों अपराधियों को मना किया था लेकिन, इसके बावजूद यहां लूटकांड कर गलती की और इससे पकड़े गए।कंगन ज्वेलर्स की रेकी की और वहां बेखौफ अंदाज में लूट को अंजाम देकर फरार हो गए। इस मामले में चार अपराधी दबोच लिए गए हैं।लूटपाट का मास्टरमाइंड सौरभ है। उसी ने रेकी से लेकर गहने खपाने तक की प्लानिंग की थी।गौरतलब है कि बीते पांच मई को कंगन ज्वेलर्स में खरीदार बन आए अपराधियों ने पिस्टल सटाकर संचालक सहित पूरे परिवार वालों को बंधक बना लिया था।इसके बाद लूटपाट कर फरार हो गए थे।सीसीटीवी कैमरे तोड़कर डीवीआर भी साथ ले गए थे।
कोई सबूत नहीं छोड़ा था ,फिर भी पकड़ा गया
जानकारी के अनुसार अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के लिए कई तरह के दिमाग लगाया था।पहला किसी ने मोबाइल लेकर नहीं पहुँचा था।घटना के वक्त सबका मोबाइल सौरभ के घर में रख दिया था।दूसरा डीवीआर लेकर भाग गया था।इसलिए दो दिन तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया था।ना कॉल डम्प से ना सीसीटीवी की फुटेज से कोई सुराग मिला। शातिर अपराधी सौरभ
एक फोटो ने अपराधियों की पोल खोल दी
मिली जानकारी के मुताबिक अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद जब बाइक से भाग रहा था तो एक ट्रैफिक पोस्ट पर शातिर अपराधी सौरभ के चेहरा सीसीटीवी की कैमरे में कैद हो गया था।जिसकी पहचान एक पूर्व अपराधी ने कर ली।उसके बाद पुलिस को अहम जानकारी मिल गई।एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी डीएसपी दीपक कुमार ने दलबल के साथ राँची जिले में करीब एक दर्जन जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।छापेमारी के दौरान बरियातू के एदलहातू से सौरभ और बासुदेव को दबोचा गया।उसके बाद रातू क्षेत्र से रूपेश को गिरफ्तार किया।रूपेश ने चौथे और पांचवे अपराधी का ठिकानों की जानकारी दी।जिसे पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार के बक्सर से आशुतोष को गिरफ्तार किया।इन अपराधियों की निशान देही पर लूट की समान बरमाद किया। गिरफ्तार अपराधियों में पलामू के डाल्टनगंज निवासी सौरभ कुमार, बिहार के रोहतास जिले के दावत थाना क्षेत्र के देवगणा निवासी बासुदेव शाह, गढ़वा जिले के भावनाथपुर थाना क्षेत्र के सिंदुरिया निवासी रूपेश विश्वकर्मा और बिहार के बक्सर के आशुतोष राय शामिल हैं।पुलिस ने अपराधियों के पास से दो देसी कट्टा, एक पिस्टल, नौ गालियां, घटना में इस्तेमाल की गई तीन बाइक, चाकू, लूटे गए करीब छह किलो चांदी के गहने, करीब 200 ग्राम सोने के जेवरात और दो नंबर प्लेट बरामद किए। दुकान से लूटी गई साड़ियां बरामद की गई।
राजधानी में रहकर बड़े बड़े घटना को अंजाम देने के लिए टीम तैयार करता था सौरभ और रूपेश
पुलिस पूछताछ में जो जानकारी मिली है।सौरभ ने मोरहाबादी के एदलहातु में किराये का मकान लेकर रह रहा था।आसपास के लोगों को ये नहीं मालूम था कि उसके बगल में कितना बड़ा अपराधी डेरा जमाए है।पुलिस ने जब छापेमारी की तो सौरभ और बासुदेव घर पर था।पुलिस ने उसके घर से ही लुटा समान बरमाद किया है।
बरमाद जेवर में नकली जेवर भी शामिल है !
सूत्रों के अनुसार अपराधियों के पास से बरमाद जेवर में कुछ नकली जेवर है।जेवर दुकानदार से इस सम्बंध में पूछताछ की जाएगी।क्योंकि अपराधियों ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि कंगन ज्वेलरी से जितने जेवर लुटे थे यही है।सवाल ये भी उठ रहा है क्या दुकानदार ने नकली जेवर को अभी असली जेवर बताकर पुलिस को लिखित ब्यौरा दे दिया है।जब नकली था तो दुकान मालिक ने नकली क्यों नही एफआईआर में दर्ज कराया है!जानकारी मुताबिक बरमाद जेवर में एक तिहाई नकली जेवर है!
तकनीकी के साथ मानवीय सूचना भी जरूरी है
इस घटना का खुलासा करने में राँची पुलिस ने तकनीकी और मानवीय सहारा लिया तभी ये मामले को खुलासा कर पाया है।पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन तक तकनीकी टीम खाख छानती रही।तभी पुलिस ने मानवीय सूचना के सहारा लेना शुरू किया।सबसे पहले पुराने अपराधियों से पूछताछ की उसके बाद पुलिस को अहम जानकारी मिली।जानकारी मिलते ही आम लोगों का सहारा लिया।बरियातू इलाके में लोगों ने सौरभ का हुलिया बताया और रहने का ठिकाना की जानकारी दी।
इधर पकड़े गए अपराधियों में रूपेश पर लूट, डकैती, चोरी, दुष्कर्म, रंगदारी, आर्म्स एक्ट सहित कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों में राँची सहित झारखण्ड के अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं रूपेश वर्ष 2007 में भी शक्तिपूंज एक्सप्रेस ट्रेन में डकैती कर चुका है।।रूपेश को राँची पुलिस ने वर्ष 2019 में भी जेल भेजा था.।जबकि सौरभ लूट, चोरी, आर्म्स एक्ट, सहित कई मामलों का आरोपी है।
रिपोर्ट:रोहित सिंह