Jharkhand:गुमला में दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए तीन दोस्त नदी में बहे,तीन किसी तरह बाहर निकले,देर शाम तक तीनों में से किसी का शव नहीं मिला।
गुमला।झारखण्ड के गुमला जिले में डूबने से तीन युवकों की मौत।बताया जा रहा है कि दोस्तों संग पिकनिक मनाए गए 6 दोस्तों में से तीन की नदी में डूबने से मौत हो गई है।ख़बर लिखे जाने तक तीनों का शव बरामद नहीं हुई है। सभी दोस्त नदी में नहाने के लिए उतरे थे,जिसमें तीन युवकों ने किसी तरह बाहर आकर जान बचाई।
जानकारी अनुसार रायडीह प्रखंड के सुरसांग थाना क्षेत्र में रविवार को हीरादह नदी में तीन युवक बह गए। तीनों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।घटना की सूचना के बाद युवकों के परिजन और पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंची और नदी में बहे युवकों की तलाश में जुट गई है।वहीं अंधेरा होने के कारण ढूढने में दिक्कतें हो रही है।जो सूचना है अब सुबह में ढूंढने की कोशिश की जाएगी।रविवार को छह दोस्त पिकनिक बनाने पहुंचे थे, जिसमें से तीन लोग बच गए हैं।
वहीं लापता हुए युवकों का नाम अभिषेक कुमार गुप्ता, सुमित कुमार और सुनील कुमार है। जबकि,इनके साथ नदी में नहा रहे अभिषेक कुमार, चंदन कुमार और दीपू कुमार ने किसी तरह नदी से बाहर आकर अपनी जान बचाई। सभी यहां पिकनिक मनाने के लिए रविवार दोपहर पहुंचे थे।घटना 3 से 4 बजे के बीच की है। नहाने की योजना बना सभी नदी में उतरे और इनमें से तीन बह गए।
तीन युवकों के डूबने की पुष्टि रविवार की शाम लगभग सात बजे गुमला के पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन ने कर दी है।उन्होंने बताया कि डूबने वालों के परिजनों और उनके साथ गए मित्रों ने बताया कि इनमें थाना रोड के अभिषेक गुप्ता, लक्ष्मण नगर के सुनील कुमार भगत और लक्ष्मण नगर के सुमित कुमार गिरी के नाम शामिल हैं। एसपी ने बताया कि डूबे हुए युवकों को खोजने के लिए एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी जा रही है। एनडीआरएफ की टीम के सोमवार की सुबह हीरादह पहुंचने की संभावना है। गुमला में बासी दीपावली मना रहे लोगों के बीच तीन युवकों के डूबने से मायूसी छा गई है।
परिजनों में कोहराम मच गया है। सुमित कुमार गिरी के पिता भूषण गिरी कचहरी चौक पर तोता से भविष्यवाणी का धंधा करते हैं। इनके सगे संबंधी राजेश भारती ने बताया कि सभी लोग हीरादह घूमने और पिकनिक मनाने गए थे। स्नान करने के दौरान एक युवक बहकर डूबने लगा। उसे बचाने दूसरा युवक गया, वह भी डूबने लगा। इसके बाद तीसरा युवक बचाने गया, वह भी डूब गया। पहले भी यहां लाेगों के डूबने से मौत हुई है।
नहीं है सुरक्षा का इंतजाम
हीरादह एक दर्शनीय स्थल है। यहां नदी की धारा कल-कल निनाद करती हुई बहती है। पानी की धारा से पत्थर में निकासी जैसा कटाव हुआ है। सूर्य की किरण पड़ने पर पत्थर पर बने नक्काशी अप्रतिम नजर आते हैं। यह दर्शनीय है। वहां पत्थरों का संजाल है। पत्थरों के बीच भंवर है। यहां पानी की थाह लगाना आम आदमी के लिए सहज नहीं है। नतीजन जब आदमी पानी में बहता है और डूबता है तो उसे खोजना आसान नहीं होता। इससे पूर्व भी शहर के एक अधिवक्ता का भतीजा यहां डूबकर मर गया था। वहां फिसलन भी अधिक है। सौंदर्य की आभा बिखेरने वाला यह स्थल खतरनाक है। यहां पर खतरा का कोई संकेत नहीं है। न कोई रोकने वाला है और न कोई टोकने वाला है।