Jharkhand:धान खरीद रोक मामले में भाजपा का कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन,कहा-किसानों के हित में हेमंत सरकार जल्द निर्णय ले वापस
राँची।राँची समेत कई जिलों में धान खरीद पर रोक लगाने से राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।झारखण्ड की हेमंत सरकार की ओर से फिलहाल धान की खरीद पर रोक का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है।बीजेपी हेमंत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।इसी कड़ी में शुक्रवार को पूरे राज्य में बीजेपी ने हेमंत सरकार का पुतला भी जलाया है।राँची भाजपा महानगर के सभी 17 मंडलों में विरोध प्रदर्शन हुआ।वहीं गढ़वा और हजारीबाग के केरेडारी समेत अन्य जिलों में भी बीजेपी ने हेमंत सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है।उन्होंने हेमंत सरकार से इस निर्णय को वापस लेते हुए जल्द किसानों के धान को खरीदने की मांग की है, ताकि राज्य के किसानों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न ना हो सके।मालूम हो कि पिछले दिनों झारखण्ड के खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने असामयिक बारिश के कारण खेत-खलिहान में किसानों के रखे धान भींगे होने के कारण धान खरीद पर रोक लगा दी थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इससे किसानों के साथ- साथ राज्य सरकार को भी आर्थिक नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने राज्य के किसानों का आश्वस्त करते हुए कहा कि किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. राज्य सरकार किसानों से आगामी 15 फरवरी, 2021 तक धान की खरीद करेगी।
राँची बीजेपी महानगर ने जताया विरोध
हेमंत सरकार के किसान विरोधी निर्णय के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी, राँचीमहानगर के सभी 17 मंडलों में हेमंत सोरेन का पुतला जलाया गया।इस अवसर पर राँची महानगर में इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे अलबर्ट एक्का चौक के समीप आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य के मंत्री रामेश्वर उरांव का यह बयान कि धान अभी गिला है. अभी भुगतान करने से सरकारी खजाना खाली होगा. मंत्री का यह बयान हास्यास्पद है।
किसान विरोधी फरमान से किसान परेशान :आदित्य साहू
बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के तुगलकी फरमान से राज्य के किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में झारखण्ड में एक नहीं, बल्कि 3-4 मुख्यमंत्री हैं।एक मुख्यमंत्री धान की क्रय की व्यवस्था पर वाहवाही लेते हैं, तो वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धान की खरीद पर रोक लगाने का तुगलकी फरमान जारी कर देते हैं. वहीं, कृषि मंत्री इन सब से बेपरवाह छत्तीसगढ़ घूमने में मशगूल रहते हैं।उन्होंने कहा कि सरकार के ऐसे जनविरोधी निर्णय से किसान हताश और निराश है. ट्रेक्टर रैली से किसानों को दिग्भ्रमित करने वाले फर्जी किसानों की पोल खुल चुकी है।श्री साहू ने कहा कि कोरोना काल में भी किसानों ने जी-तोड़ मेहनत कर धान की भरपूर पैदावार की है, जबकि किसानों को महंगे खाद बीज खरीदने को मजबूर होना पड़ा है. इसके बाद भी उत्पादित धान की खरीद पर रोक लगने से किसानों के बीच आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गयी।झारखण्ड की 80 प्रतिशत आबादी खेती किसानी पर आश्रित है. उन्होंने राज्य सरकार के इस निर्णय पर विरोध जताते हुए कहा कि अगर सरकार धन खरीद की रोक पर लिये गये फैसले को वापस नहीं लेती है, तो बीजेपी कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में राज्य भर में सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।
गढ़वा में सीएम हेमंत का फूंका पुतला
राज्य में धान की खरीदारी पर रोक लगने के बाद पलामू सांसद बिष्णु दयाल राम के नेतृत्व में भंडरिया के इंदिरा गांधी चौक पर भाजपाइयों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका. लोगों को संबोधित करते हुए सांसद श्री राम ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा यह कहकर धान की खरीदारी पर रोक लगाया गया है कि अभी धान में नमी है. 15 दिन बाद धान के सूखने पर इसकी खरीदारी शुरू की जायेगी. लेकिन, जिले में धान खरीदने वाली एजेंसी एफसीआई के पास धान की नमी मापने वाला यंत्र उपलब्ध है. वहीं, प्रत्येक वर्ष इसी यंत्र से धान की नमी की जांच के बाद ही एफसीआई द्वारा किसानों के धान को खरीदा जाता है. तो फिर धान में नमी रहने का कोई मतलब नहीं है।उन्होंने कहा कि सरकार देरी से धान की खरीदारी शुरू कराकर बिचौलियों को बढ़ावा दे रही है. पिछले वर्ष 2 दिसंबर से धान की खरीदारी शुरू हो चुकी थी, लेकिन इस बार सरकार द्वारा इस पर रोक लगाने के बाद किसानों के समक्ष विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है. घर के खर्च निकालने के लिए किसान कम दामों पर बिचौलियों के यहां धान बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान जंगली जानवरों से अपने धान को बचाने में लगे हुए हैं. वहीं, खरीदारी पर रोक लगने के तुगलकी फरमान किसानों के साथ धोखा है।
वहीं,जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश केशरी ने कहा कि हेमंत सरकार किसानों के हित में जल्द ही धान क्रय करना शुरू नहीं करेगी, तो भाजपा सहित जिले के किसान आंदोलन करने पर बाध्य होंगे. इस मौके पर कार्यसमिति सदस्य मुकेश निरंजन सिन्हा, मनोज सिंह, मंडल अध्यक्ष राजेश्वर ठाकुर, ठाकुर प्रसाद महतो, राजेश कुमार वर्मा, मदन केशरी, विजय केशरी, भूषण सिंह, रूप निरंजन सिन्हा, जीतन सिंह, बिरजू सिंह,रामजी ठाकुर, विजय राम, अनिल केशरी सहित कई अन्य भाजपाई उपस्थित थे
हजारीबाग में हुआ विरोध, निर्णय वापस लेने की मांग
इधर हजारीबाग जिला अंतर्गत केरेडारी में भी बीजेपी ने हेमंत सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए सीएम का पुतला दहन किया. केरेडारी मुख्य चौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़कागांव क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि बालेश्वर कुमार ने हेमंत सरकार को किसान विरोधी बताया. राज्य सरकार किसानों के हक एवं अधिकार का हनन करने पर उतारू हो गयी. सरकार को 15 नवंबर, 2020 से ही धान खरीदने का का कार्य शुरू करना था, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाजा राज्य के किसानों को उठाना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि इसका असर साफतौर पर किसानों पर पड़ रहा है. बिचौलिया औने-पौने दामों पर किसानों से धान की खरीद कर रहे हैं।मौके सांसद मंडल अध्यक्ष बालगोविंद सोनी, केरेड़ारी के सांसद प्रतिनिधि बैजनाथ तिवारी, महामंत्री नरेश महतो, महेंद्र सिंह, लक्ष्मण लाल, बसंत यादव, कृष्ण कुमार वर्मा, जयराम साव, प्रदीप सिंह, सुखदेव महतो, मुकेश यादव, मुकेश सिंह, किशोर ठाकुर समेत अन्य उपस्थित थे।