झारखण्ड पुलिस ने संस्मरण दिवस पर शहीद जवानों को किया याद,श्रद्धांजलि दी गई

राँची। डोरंडा के जैप-वन ग्राउंड में शनिवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया।इस दौरान राज्य और देश की रक्षा करने वाले वीर शहीदों जवानों याद किया गया और उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। जैप वन ग्राउंड में डीजीपी अजय कुमार सिंह,डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता सहित कई पुलिस अधिकारियों ने एक साल के दौरान देश की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया।इस मौके पर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि शहीद होने वाले पुलिसकर्मी हमेशा ही कर्तव्यपथ पर बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।आज के दिन सिर्फ और सिर्फ शहीदों को याद करना चाहिए उनके परिवार वालों की मदद कैसे की जाए इस दिशा में भी सोचना चाहिए।

साढ़े पांच साल से झारखंड में 36 जवान हुए शहीद

झारखण्ड में पिछले साढ़े पांच में 671 नक्सल घटनाएं हुई हैं। इन नक्सल घटनाओं में नक्सलियों से ज्यादा आम लोग मारे गये हैं। जनवरी 2018 से लेकर अगस्त 2023 तक नक्सलियों ने 125 आम लोगों की हत्या कर दी।वहीं नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे हैं अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 92 नक्सलियों को मार गिराया है। दूसरी ओर इस मुठभेड में 36 जवान भी शहीद हुए हैं।इस साल नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान पांच जवान शहीद हुए।जिनमें चार जवान और एक पुलिस पदाधिकारी शामिल है। 14 अगस्त की रात नक्सलियों के द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कोबरा बटालियन के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और सिपाही गौतम शहीद हो गए जबकि 11 अगस्त को सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल निशांत शहीद हो गए थे।इस वर्ष झारखण्ड पुलिस को सबसे ज्यादा नुकसान कोल्हान में उठाना पड़ा है।पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर पांचों वीर शहीदों को याद कर नमन किया गया।

जाने क्यों मनाया जाता पुलिस संस्मरण दिवस

21 अक्टूबर 1959 को भारत के लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना के आक्रमण में सीआरपीएफ अधिकारी कर्म सिंह अपने 20 साथियों के साथ शहीद हुए थे। इसके बाद से हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण या स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दौरान पिछले एक साल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

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