Jharkhand:”जाको राखे साइयां,मार सके न कोय: जिस बच्ची को गाँव के डॉक्टर ने मृत घोषित कर दी थी,चार दिन बाद बच्ची जी उठी..
चतरा।जन्म और मृत्यु सत्य है पर जब तक समय पूरा नहीं होता है ना जन्म लेते हैं ना ही मौत होती है।जब ईश्वर जिसकी रक्षा करता है उसे कोई मार नहीं सकता। यहां तक कि यदि पूरी दुनिया शत्रु बन जाए, तब भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता।जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। इसका अर्थ ये की जिसके साथ ईश्वर होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर निर्मित है। उन्होंने ही संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है । विभिन्न ग्रह, पृथ्वी, समुद्र, पर्वत, नदियाँ, विभिन्न प्राणी, मनुष्य आदि सभी उन्हीं की रचना है। जड़ – चेतन सभी उन्हीं की इच्छा का परिणाम हैं। अत: उनकी इच्छा के बगैर कोई भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकता।इस बात को सत्य कर दिखाया गेंजना पंचायत के सोनपुरा गांव में घटी एक घटना ने। वहां पिछले गुरुवार की देर शाम सीटू यादव की पत्नी शकुंत़ला देवी ने अपनी दो बच्चियों सोनी कुमारी (डेढ़ वर्ष) और गोली कुमारी (तीन वर्ष) को कुएं में डाल दिया था।
गांव वालों ने तत्परता दिखाते हुए दोनों बच्चियों को कुएं से निकाल लिया और पड़ोसी गांव पांडेयपुरा के एक चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने छोटी बच्ची सोनी कुमारी को मृत घोषित किया और गोली कुमारी की स्थिति चिंताजनक बताई। बच्ची के परिजनों को चिकित्सक की बातों पर भरोसा नहीं हुआ और वह दोनों बच्चियों को सीमावर्ती बिहार के गया जिले के शेरघाटी स्थित सरकारी अस्पताल ले गए।
वहां चिकित्सक ने इलाज से इन्कार कर दिया तो परिजन दोनों बच्चियों को लेकर गया पहुंचे, जहां अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पताल में चिकित्सक ने परिजनों की स्थिति देखकर दोनों को कोमा में मानकर इलाज शुरू किया और कहा-अब सब ऊपर वाले के हाथ में है। यहां चार दिन तक आइसीयू में रखकर गहन चिकित्सा के बाद बच्ची को होश आ गया और वह जी उठी। परिवार वाले खुशी से चहक उठे।इस घटना की सभी जगह चर्चा हो रही है। बच्ची के पिता ने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि दिल मान नहीं रहा था कि मेरी बच्ची दुनिया छोड़ सकती है। इसलिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर दौड़ता रहा।परिजनों ने यह भी कहा कि आज अगर बड़े अस्पताल नहीं जाते तो बच्ची की जान नहीं बचती। यह बोलते हुए सभी लोग फफक कर रो पड़े।वहीं इस घटना से लोगों में चर्चा बना है।
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