Jharkhand:आठ साल पहले लापता हुई बहन मिलीं तो पलकों पर बिठाकर लाया मरांडी परिवार,परिवार में खुशियों का माहौल..
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की बहन 2012 में भटककर चली गई थीं भरतपुर
आज की दुनिया में बहन-भाइयाें काे भुला देने की घटनाएं ताे तमाम हैं,लेकिन जिंदगी में वापस लाने का यह अच्छा उदाहरण है
राँची।पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की आठ साल से लापता बहन मैसुनी देवी राजस्थान के भरतपुर में मिलीं। भाई नुनूलाल मरांडी और बेटा सुलेमान मंगलवार काे उन्हें पलकाें पर बिठाकर राँची लाए। बाबूलाल ने बाहें फैलाकर छाेटी बहन का स्वागत किया। आंसू पाेंछते हुए कहा-अब सब ठीक हाे जाएगा। तुम मिल गई,खुशी के दिन लाैट आए।अब हम सब साथ रहेंगे।जहां दुनिया में आज भी बहन-भाइयाें काे भुला देने के तमाम मामले सामने आ रहे हैं, वहीं उन्हें जिंदगी में वापस लाने का यह एक अच्छा उदाहरण है।
2018 से ‘अपना घर’ आश्रम में रह रही थीं
मैसुनी देवी मानसिक अवसाद के कारण वर्ष 2012 में परिवार से बिछुड़ गई थी। भटकते-भटकते वह भरतपुर के खाेहडीग पहुंच गईं। मई 2018 में खाेहडीग स्थित अपना घर आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज और सचिव भूदेव शर्मा की नजर पड़ी ताे उन्हें आश्रम ले आए। इलाज हुआ। कुछ दिन पहले उन्हाेंने आश्रम वालाें काे अपना नाम और पता बताया। कहा-वह झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की छाेटी बहन हैं। आश्रम के संचालकाें ने बाबूलाल से फाेन पर बात की। पहले ताे उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब बहन से बात कराई ताे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तुरंत भाई और भांजे काे भरतपुर भेजा, जाे उन्हें लेकर राँची पहुंचे।
बच्चाें ने भी छाेड़ दी थी मिलने की उम्मीद
मैसुनी देवी का भरा-पूरा परिवार है। उनकी शादी गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड में हुई है। पति किसान हैं। उन्हें 3 बेटा और 2 बेटी हैं। उनके बच्चों ने बताया कि वे लाेग मां से मिलने की उम्मीद छाेड़ चुके थे। लेकिन जब आश्रम से सूचना दी गई ताे परिवार की खुशियां लाैट आईं। मैसुनी देवी के लाैटने के बाद गिरिडीह के बरगंडा और तिसरी के पैतृक आवास पर खुशी का माहाैल है। मैसुनी फिलहाल बाबूलाल के अरगाेड़ा स्थित आवास पर हैं। स्वास्थ्य जांच के लिए फिलहाल राँची में ही रहेंगी।
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