Jharkhand:भारी बारिश से नदी नालों में उफान आ गया,हर तरफ पानी ही पानी,कई डैमों का फाटक खोला गया
राँची।झारखण्ड में भारी बारिश से नदी-नालों में उफान आ गया है। डैम और जलाशय भी लबालब हो गए।राजधानी राँची समेत कई जिलों में पानी ही पानी नजर आया है।इधर पानी के दबाव के बाद चांडिल,तेनुघाट और पतरातू समेत कई डैमों के फाटक खोल दिए गए हैं।सड़कों पर पानी बह रहा है और कई पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। बड़ी संख्या में कच्चे मकान जमींदोज होने से सैकड़ों बेघर हो गए। बारिश के कारण राज्य में हुए अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत की खबर है। संताल-कोयलांचल और कोल्हान में भी बारिश के चलते संकट बढ़ गया है।
गढ़वा में कनहर और कोयल नदी में उफान से तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। भंडरिया में कनहर किनारे के गांव में फसल बाढ़ में डूब गई है। बांकी नदी में पानी पुल के ऊपर से बहने के कारण आवाजाही एक घंटे रुकी रही। कांडी में कई मवेशी बह गए। पलामू में मोहम्मदगंज बराज में जलस्तर बढ़ने से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे आसपास के गांव में पानी घुस गया और कई मवेशी बह गए।
मेदिनीनगर शहर के भी निचले मुहल्लों में पानी घुस गया है। जिले में कई जगह पेड़ गिरने से बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई बाढ़ के कारण मझिआंव व उंटारी को जोड़ने वाली कोयल नदी पर आवागमन रोक दिया गया। सतबरवा का मलय डैम भी ओवरफ्लो कर रहा है। लातेहार के कुलगड़ा गांव में भारी बारिश के कारण कच्चा घर गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। सदर प्रखंड के कोल्हेरूआ और परसहीं गांव में बांध टूटने से 20 एकड़ धान की फसल डूब गई। चंदवा प्रखंड में श्रमदान से बनाया गया पुल बारिश में टूट गया जिससे कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया। सोनाहातू के कांची नदी का पुल फिर बह गया
चतरा में बारिश से कई सड़कें डूब गईं जिससे आवागमन ठप हो गया। टंडवा में एक दर्जन से अधिक कच्चे घर गिर गये। कई गांवों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से कट गया है। टंडवा शहर में पानी घुस गया है। गिद्धौर में भी बारिश के कराण पुल धंस गया है।
गुमला के बसिया में कोयल नदी उफना गई है। नदी किनारे के खेतों में पानी घुस गया है। लोहरदगा में बारिश से दक्षिण कोयल नदी में बाढ़ आ गई है। बेड़ो में नेशनल हाईवे पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। दो दर्जन से अधिक मकान गिर गए।
हजारीबाग में छड़वा डैम का जलस्तर 31 फीट बढ़ गया है।पतरातू डैम के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसे चार फाटक खोल दिए गये हैं। जलस्तर बढ़ने से डैम किनारे खड़ी कई नावें लापता हो गई। कोडरमा जिले में भी लगातार बारिश से कई मिट्टी घर ढह गये।
राँची में लगातार हो रही बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों, मोहल्ले की गलियों के अलावा लोगों के घरों में पानी घुस गया है। इसकी वजह से लोगों को उठने-बैठने और सोने में कठिनाई हो रही है। कई मोहल्लों की स्थिति ये है कि सड़कों में पानी भर जाने के कारण सब्जी बाजार नहीं लगे। मोहल्लों और घरों में पानी भर जाने से लोग जरूरी सामग्री तक लेने के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।विद्यानगर की निवासी एकता टोपनो ने बताया कि दो दिन से घर से पानी निकाल रहे हैं। घुटने से अधिक पानी जमा हो जाता है। खाना बनाने की जगह तक नहीं बची है। बच्चों को जैसे-तैसे खिला रही हूं। यमुनानगर के रहनेवाले धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि किराए के मकान में रहते हैं। जहां कंपाउंड में घुटने से अधिक पानी जमा हो गया है। बारिश के कारण मोहल्ले में लगनेवाला सब्जी बाजार भी नहीं लग रहा है। राशन, दूध आदि लेने के लिए दूर जाना पड़ता है। कंपाउंड से किसी तरह निकलने के बाद बाहर सड़क में भी पानी जमा है, जिससे कि आने-जाने में बड़ी परेशानी हो रही है। बच्चे कमरे के बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं।