Jharkhand:एक तरफ डोली उठी,दूसरी ओर पिता की अर्थी,बेटी की विदाई करने के पहले ही दुनिया से विदा हो गए पिता..
जमशेदपुर/घाटशिला।पोटका के रसुनचोपा गांव में एक दुःखद घटना से दो परिवार सहित दो गांव के लोग दुःखी हैं।ऐसा ही घटना घटी है।जहां सिदो-कान्हू जनजातीय काॅलेज के प्राचार्य निशिकांत महतो (57) अपनी बेटी की विदाई के पूर्व दुनिया से विदा हो गए। दरअसल,यह मार्मिक घटना शुक्रवार की रात उस समय हुई जब पोटका थाना क्षेत्र के रसुनचोपा गांव में बड़ी बेटी शिल्पा महतो की शादी का उत्सव चल रहा था। प्रीतिभोज में कई लोग शामिल होकर बिटिया को शादी के पूर्व खुशहाल जिंदगी का आशीर्वाद दे रहे थे। बारात आने वाली थी। स्वागत के लिए निशिकांत महतो तैयार होने के लिए अपने कमरे में गए। उसी समय धोती पहनने के दौरान अचानक जमीन पर गिर गए तथा बेहोश हो गए।
वहीं परिजनों ने समारोह को बिना रोके आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए पोटका ले गए। वहां चिकित्सक ने उन्हें हृदय गति रूकने के कारण मृत घोषित कर दिया।जो परिजन उनके साथ गए थे, उन्होंने इस बात को रातभर छुपाए रखा, ताकि शादी निर्विघ्न ढंग से पूरा हो सके। विवाह मंडप में बैठी बेटी तक को इसका आभास नहीं होने दिया गया। बारात के स्वागत से लेकर बेटी की विदाई तक निधन की खबर दबी रही। बार-बार बेटी अपने पिता को खोजती रही, पर उसे बताया गया कि वह अभी अस्पतताल में इलाजरत हैं। इस दौरान बेटी भी अनहोनी की आशंका से अवगत नहीं थी।
जब शनिवार की सुबह 8 बजे बेटी को बारात सहित विदा कर दिया है।उसके बाद कुछ घण्टे में घर में मानो प्रलय आ गया चारो ओर कोहराम मच गया।जैसे ही घर में परिवार को जानकारी मिली कि प्राचार्य की मौत हो गई।उसके बाद घर सभी का रोना शुरू हो गया।इधर बेटी की डोली उठी उधर अब पिता की अर्थी उठाने की तैयारी होने लगी।जो सुने वहीं प्राचार्य की घर ओर दौड़ पड़ा।आखिर वहीं हुआ बेटी की डोली उठते एक पिता नहीं देख सके।घर वालों ने प्राचार्य निशिकांत का अंतिम संस्कार शनिवार को ही कर दिया।निशिकांत ऐसे पिता थे जो बेटी की हाथ पिला करने से पहले चले गए।इस मार्मिक घटना से लड़का लड़की के परिवारों में गमों का पहाड़ टूट पड़ा है।
दूसरी घटना
मौत कभी भी और कहीं भी किसी भी हालत में आ जाती है। ऐसा ही कुछ जमशेदपुर के साकची काशीडीह क्षेत्र में हुआ . साकची काशीडीह ब्लॉक नंबर दस निवासी अशोक कुमार मांधवी का हार्ट अटैक होने से मौत हो गयी।अशोक कुमार मांधवी 45 साल के थे। वे ही घर में सबसे बड़े थे। भतीजी की शादी करने के लिए वे लगातार दिन भर मेहनत कर रहे थे . छत्तीसगढ़ से बारात आ चुका था जबकि सोमवार को शादी होनी है ,लेकिन उससे पहले ही अचानक से शनिवार को अशोक कुमार काफी परेशान हो चुके थे और सीने में दर्द होने लगा।वे थोड़ा आराम करने सोये तब तक वे अचेत हो गये।उनको परिवार के लोग आनन – फानन में साकची से टाटा मुख्य अस्पताल ( टीएमएच ) ले गये , जहां उनको चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।अशोक कुमार की मौत के बाद शादी की तैयारी में जुटे परिवार में मातम का माहौल पसर गया।अशोक कुमार अपने पीछे दो बेटा और दो बेटी का भरा पूरा परिवार छोड़ गये है।जो साकची बाजार में आलू प्याज के कारोबारी भी रहे है।अशोक कुमार की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है।भतीजी की डोली से पहले चाचा का अर्थी निकल गया।आये बरात भी इस अनहोनी से सदमे में है।