#jharkhand:एसीबी धनबाद की टीम ने गिरिडीह में ठेकेदार से 5 प्रतिशत कमीशन के नाम पर घूस लेने के आरोप में बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता और उसके सहायक को 14 हजार घूस लेते गिरफ्तार कर लिया,एक जेई फरार होने में सफल रहे।
गिरीडीह।झारखण्ड में घूसखोरी पर जितना लगाम कस रहा उतना ही घुसखोर अधिकारी/कर्मचारी घुस लेने में आगे आ रहे हैं।इसी सिलसिले में आज फिर एक बड़ी कार्यवाही घुसखोर के खिलाफ हुई है।एसीबी धनबाद की टीम ने गुरुवार को गिरिडीह में बड़ी कार्रवाई की।टीम ने ठेकेदार से 5 प्रतिशत कमीशन के नाम पर घूस लेने के आरोप में बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता विभाषचन्द्र पॉल और उसके सहायक विक्रम कुमार सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि एक जेई फरार होने में सफल रहे। फिलहाल फरार हुए जेई के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।
एसीबी की यह कार्रवाई गुरुवार को उस वक्त हुई जब पदाधिकारी और कर्मी शहर के डाड़ीडीह स्थित पावर सब स्टेशन परिसर में अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में काम निपटा रहे थे।इसी दौरान एसीबी धनबाद के डीएसपी समीर तिर्की और एसआइ केएन सिंह समेत एसीबी के जवान कार्यालय घुसे और कार्रवाई शुरू की।
ठेकेदार साबिर से अधीक्षण अभियंता विभाषचन्द्र पॉल और उनके सहायक विक्रम कुमार को 14 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया।करीब एक घंटे तक चली कार्रवाई के बाद पूरे कार्यालय में हड़कप मच गया।पावर सब स्टेशन के मेन गेट को बंद कर दिया गया। यहां तक कि कार्रवाई के दौरान कार्यालय में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मियों के बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गयी।
कार्रवाई के बाद एसीबी की टीम अधीक्षण अभियंता और उनके सहायक को उनके आवास ले गयी जहां दोनों के आवास की भी तलाशी ली गयी।अधीक्षण अभियंता विभाषचन्द्र पॉल के बरगंडा स्थित किराये के आवास 18 लाख रुपये नगद मिले हैं सहायक के मकतपुर के डॉक्टर्स लाइन स्थित आवास को खंगालने की बात कही जा रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के भंडारीडीह स्थित बिजली विभाग के ठेकेदार साबिर ने धनबाद एसीबी की टीम के पदाधिकारियों से शिकायत की थी कि कुछ बिजली के मीटर बदलने को लेकर ठेकेदार से रुपये की मांग की थी।मीटर बदलने के बाद इसके भुगतान के नाम पर ही अधीक्षण अभियंता ने जेई और अपने सहायक विक्रम कुमार सिन्हा के माध्यम से पांच प्रतिशत कमीशन के रुप में 14 हजार की डिमांड की थी।गुरुवार को पांच प्रतिशत कमीशन देने का वक्त निर्धारित था।लिहाजा, तय दिन में जब ठेकेदार कमीशन देने पहुंचा और तीनों को नगद देने लगा तो एसीबी के पदाधिकारी और जवानों ने तीनों को रंगेहाथ धर दबोचा।
इस दौरान एसीबी को चकमा देकर जेई फरार होने में सफल रहा. वहीं दोनों आरोपी अधीक्षण अभियंता और सहायक को कार्यालय से गिरफ्तार कर उनके आवास ले गयी।