ईसाई धर्मप्रचारक पॉल दिनाकरण पर IT का शिकंजा, 118 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा
चेन्नई। आयकर विभाग ने ईसाई धर्म के प्रचारक पॉल दिनाकरण पर शिकंजा कसा है।विभाग ने दिनाकरण के 25 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर 118 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति का पता लगाया है। खास बात है कि विभाग ने उनकी संस्था जीसस कॉल्स मिनिस्ट्रीज को लेकर चेन्नई और कोयंबटूर में 20 जनवरी को सर्च ऑपरेशन चलाया था।दिनाकरण ईसाई समुदाय में काफी मशहूर हैं और करुण्य विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया ‘आज यानी शनिवार को पूरे हुए ऑपरेशन के बाद विभाग ने पॉल दिनाकरण के कोयंबटूर स्थित निवास से 4.7 किलो सोना जब्त किया है.’ उन्होंने जानकारी दी कि टीमों ने डोनेशन की रसीदों, विदेश में निवेशों, खर्च को बढ़ाकर दिखाने के समेत कई और तरीकों से 118 करोड़ रुपए की आय छिपाने का पता लगया है।फिलहाल तलाशी के दौरान मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
पॉल दिनाकरन के पास अघोषित आय को लेकर आयकर विभाग ने बड़े पैमाने पर तैयारी की थी. विभाग ने 20 जनवरी को अल सुबह 6 बजे उनके ठिकाने पर दबिश दी. इस पड़ताल में 200 से ज्यादा आयकर अधिकारी मौजूद थे. ये सभी अधिकारी दिनाकरण के आद्यार स्थित मुख्य कार्यालय से लेकर कोयंबटूर जिलों में मौजूद शिक्षण संस्थानों तक फैले हुए थे।रिपोर्ट्स बताती हैं कि विभाग की मदद करने के लिए अलग-अलग दफ्तरों पर अकाउंटेंट्स को बुलाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जांच के दौरान विभाग ने दिनाकरण के संगठन को विदेशों से मिली पूंजी की भी जांच की. जीसस कॉल्स मिनिस्ट्रीज और करुण्य यूनिवर्सिटी की स्थापना उनके पिता डीजीएस दिनाकरण ने की थी. उनका देहांत 2008 में हो गया था. जिसके बाद इनका नेतृत्व पॉल दिनाकरण के हाथों में आ गया था. माना जाता है कि पूरे तमिलनाडु राज्य में दिनाकरण परिवार का खासा वर्चस्व है. राज्य में सत्तारूढ़ पार्टियों से उनके अच्छे संबंध रहे हैं।