राजधानी राँची में जैन समाज के लोगों ने निकाला विरोध मार्च,कहा-पारसनाथ तीर्थ स्थान को रखा जाए पवित्र….
राँची।झारखण्ड के गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को राजधानी राँची में जैन समुदाय की ओर से मौन विरोध मार्च निकाला गया। इस विरोध मार्च में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।विरोध में शामिल लोगों ने कहा कि पारसनाथ तीर्थ स्थल है, जो जैन समुदाय के लिए पवित्र धर्म स्थान है।इस तीर्थ स्थल को पवित्र रखा जाए।मंगलवार को जैन समुदाय के लोगों ने राजधानी राँची के शहीद चौक स्थित जैन मंदिर से विरोध मार्च शुरू किया और विभिन्न सड़कों से होते हुए राजभवन पहुंचा। इस विरोध मार्च में जैन समुदाय के सैकड़ों महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। विरोध मार्च में शामिल महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान पहनी हुई थी,जो मौन धारण कर राजभवन तक पहुंची। राजभवन पहुंचने के 5 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल कार्यालय पहुंचे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
वहीं विरोध मार्च में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार ने जिस तरह से पारसनाथ जैन तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल में परिवर्तन करने का फैसला लिया है। इससे जैन तीर्थ स्थल की पवित्रता को ठेस पहुंचेगा।तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना ठीक नहीं है।उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थल बनने के बाद यहां आने वाले लोग मनोरंजन करने के लिए कई ऐसे कार्य करेंगे,जो जैन धर्म के अनुसार गलत होगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अध्यादेश और अपने फैसले को वापस नहीं लेती है,तब तक समाज का विरोध जारी रहेगा।इस मौके पर जैन समुदाय के प्रबुद्ध लोगों में पदम जी जैन,सुभाष जैन,प्रदीप जैन,संजय जैन सहित कई लोग उपस्थित थे।