#JHARKHAND:गोड्डा जिला में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली,एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया,ऐसी घटना पूरे राज्य के लिए पीड़ादायक है,इसकी पुनरावृत्ति न हो-हेमन्त सोरेन
गोड्डा।झारखण्ड में गोड्डा जिला में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली।स्वास्थ्य केन्द्र बन्द रहने के कारण सड़क पर ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया।एक ओर सरकार जहां संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लाखों खर्च कर रही है। इसके लिए लाखों की लागत से हर गांव में स्वास्थ्य केन्द्र खोला। हर स्वास्थ्य केन्द्र में दो-दो एएनएम प्रतिनियुक्त किया गया है।बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्रों से गर्भवती महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रही है।गोड्डा जिला के पोडै़याहाट प्रखण्ड के डेवडाड़ उपस्वास्थ्य केन्द्र बंद रहने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया।परिजनों ने बताया कि बार-बार सहिया को फोन करने पर फोन बंद पाया गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है
ऐसी घटना पूरे राज्य के लिए पीड़ादायक है, इसकी पुनरावृत्ति न हो…हेमन्त सोरेन
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने गोड्डा जिला स्थित स्वास्थ्य केंद्र के बाहर महिला द्वारा बच्चे को जन्म दिए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। ऐसी घटना होना पूरे राज्य के लिए पीड़ादायक है। उपायुक्त गोड्डा पूरे मामले की जांच कर सूचित करें। साथ ही सभी जिला उपायुक्त कृपया ध्यान दें। ऐसी घटना न हो, इसके लिए आप सभी समुचित कार्यप्रणाली बनाकर उसका पालन करवायें।
ये मिली थी जानकारी…
मुख्यमंत्री को जानकारी मिली थी कि गोड्डा जिला के पोडै़याहाट प्रखण्ड के डेवडाड़ उपस्वास्थ्य केन्द्र बंद रहने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। सहिया को फोन करने पर फोन बंद पाया गया।
पुलिस महानिदेशक मामले में संज्ञान लें
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव और उपायुक्त को खूंटी के घाघरा निवासी असरिता की हर जरूरी मदद करते हुए मामले में संज्ञान लेने का निदेश दिया है। पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उपायुक्त खूंटी से पुलिस अधीक्षक समन्वय स्थापित कर असरिता को जरूरी सहायता से आच्छादित करने की पहल शुरू कर दी गई है।
यह है मामला…
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि जून 2018 में पत्थलगड़ी की घटना के क्रम में पुलिस द्वारा घाघरा की असरिता मुंडू को पीटे जाने से उसने शारीरिक रूप से विकलांग व समय से पहले बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन उसे अभी तक किसी तरह की मदद या मुआवजा सरकार से नहीं मिला है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपरोक्त निदेश दिया है।