गुरुग्राम में घर में काम करने वाली झारखण्ड की एक बच्ची पर दंपति ने ढाया जुल्म,गर्म चिमटे से कई जगहों पर दागा है,दम्पति गिरफ्तार
हरियाणा के गुरुग्राम में झारखण्ड की 13 साल की नाबालिग को एक दंपती ने काम पर रखा, फिर उस पर ऐसा जुल्म किया है कि बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है।नाबालिग पर बेइंतहा जुल्म किया गया है।दम्पति द्वारा उसके शरीर को गर्म चिमटे से दागा और उसे डंडों से पीटा।यही नहीं कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया। नाबालिग डस्टबिन से खाना उठाकर अपना पेट भरती थी।नाबालिग की तस्वीर वायरल होने के बाद एक NGO की मदद से गुरुग्राम पुलिस ने उसे आरोपी दंपती के कब्जे से छुड़ाया। पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी दंपती ने पिछले साल प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से अपने 3 माह के बच्चे की देखभाल के लिए 13 साल की नाबालिग को घर में रखा था। पीड़ित बच्ची मूल रूप से झारखण्ड की रहने वाली है। बाद में पति-पत्नी कभी खाना चुराने का आरोप लगाकर तो कभी काम ठीक से नहीं करने की बात पर पीटने लगे। पुलिस ने बताया कि उसे खाना तक नहीं दिया जाता था। अपनी भूख मिटाने के लिए नाबालिग कूड़ेदान में फेंका गया खाना खाती थी।
दंपती की मारपीट से नाबालिग के शरीर पर गर्म चिमटे से दागे जाने और पिटाई के निशान मिले हैं। 7 फरवरी को ही पीड़ित की तस्वीर ट्विटर पर वायरल हुई। इस पर एक NGO ने गुरुग्राम पुलिस से संपर्क किया।
अस्पताल में भर्ती करवाया, मेडिकल किया जा रहा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीड़ित को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। जांच की जा रही है कि कहीं उसका यौन उत्पीड़न तो नहीं हुआ था। डॉक्टर उसका मेडिकल परीक्षण भी कर रहे हैं।
दोनों आरोपी अच्छी कंपनी में काम करते हैं
एक ट्विटर यूजर ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि आरोपी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में काम करता है। जबकि उसकी पत्नी एक न्यूज एजेंसी में काम करती है। सूत्रों के अनुसार महिला को उसकी कंपनी ने बर्खास्त कर दिया है।
इधर झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि झारखण्ड की बेटी के साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सिमडेगा निवासी 14 वर्षीय बच्ची के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त सिमडेगा और झारखण्ड पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने, बच्ची को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, बच्ची की सकुशल राज्य वापसी, उसे शिक्षा तथा सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि इस गंभीर मामले को संज्ञान में लें और लड़की को उसके परिवार में वापस लाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त सिमडेगा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए कल प्रस्थान करेगी। बच्ची को चिकित्सा, शिक्षा, पुनर्वास एवं योजनाओं का लाभ त्वरित रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि सिमडेगा निवासी 14 वर्षीय बच्ची को घर कार्य करने हेतु गुरुग्राम ले जाया गया था। जहां उसके साथ पिछले दिनों अमानवीय यातनाएं दी गई। बच्ची की लाठी डंडे और गर्म चिमटे से पिटाई की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सिमडेगा उपायुक्त और झारखण्ड पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया है।