दुमका में फिर 16 साल के लड़के ने दो बहनों को पेट्रोल से जलाने की धमकी दी,पुलिस ने समझौता को किया दरकिनार,मुख्य आरोपी नाबालिग सहित तीन गिरफ्तार…

दुमका।झारखण्ड के दुमका में मोबाइल पर नव विवाहिता और उसकी बहन को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की धमकी देने के मामले में नगर थाने की पुलिस ने मुख्य आरोपी एक नाबालिग़ युवक और उसके दो साथी सुरेश तूरी और राजेश कुमार राम को शनिवार की रात धर दबोचा। रविवार को किशोर को रिमांड होम और बाकी दोनों को जेल भेज दिया गया।बताया जाता है मुख्य आरोपी नाबालिग ने राजेश के फोन से धमकी दी थी और सुरेश वहां मौजूद था।

मिली जानकारी के अनुसार राखाबनी निवासी संतोष मंडल टीन बाजार में सब्जी की दुकान है। उसकी बेटी की पांच माह पहले ही शादी हुई है। दूसरे समुदाय के नाबालिग युवक की दुकानदार के बेटे से दोस्ती थी।नाबालिग़ युवक के गलत लाइन पर चले जाने की वजह से एक साल पहले बेटे ने दोस्ती तोड़ दी। उसके बाद युवक अक्सर संतोष मंडल के बेटे से उसकी दोनों बहन के बारे में हालचाल लिया करता था।

इसी बीच जब पता चला कि संतोष की बड़ी बेटी की शादी हो गई है दूसरे समुदाय के नाबालिग युवक भड़क गया। 12 अक्टूबर की रात विवाहिता के भाई के नंबर पर फोन कर जीजा का मोबाइल नंबर मांगा। मना करने पर पूरे परिवार की महिलाओं के लिए अपशब्द कहे।बेटे को गोली मारने की धमकी देते हुए नव विवाहिता और उसकी छोटी बहन को दुमका की किशोरी की तरह पेट्रोल डालकर जला देने की धमकी दी। पिता ने अगले दिन नगर थाने में आवेदन दिया।

पुलिस ने मुख्य आरोपी के छोटे भाई को हिरासत में लिया। इसके बाद दोनों पक्ष ने थाना आकर सुलह करने की बात कही। पुलिस ने समझौता को दरकिनार कर आरोपी व उसके दो साथी पर मामला दर्ज किया। रात को सभी की गिरफ्तारी की गई। पुलिस निरीक्षक नीतिश कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी 16 साल है, इसलिए रिमांड होम भेज दिया गया है।आरोपी ने धमकी के लिए राजेश का फोन इस्तेमाल किया था। धमकी देने के समय दोनों उसके साथ थे।

धोखाधड़ी कर एएसआइ को धमकाने वाला गिरफ्तार

इधर दूसरी घटना दुमका में बहाने से आठ लाख रुपया लेने के बाद नगर थाना के एएसआइ मुश्ताक आलम पर संगीन आरोप लगाने और धमकाने वाले खिजुरिया के जहीरूददीन अंसारी उर्फ गोरा को नगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया। पुलिस से बचने के लिए वह वीरभूम के रामपुरहाट में एक घर में छिपा हुआ था। डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल के निर्देश पर मुश्ताक ने ही उसे गिरफ्तार किया।

बताया जाता है कि सात मार्च को खिजुरिया के सज्जाद आलम ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।आरोपी ने अगस्त 19 से जून 21 के बीच सज्जाद से टोटो रिक्शा खरीदने के नाम पर कई किस्त में करीब आठ लाख रुपया लिया था। सारा पैसा पत्नी व बेटी के खाते में डाल दिया। दबाव देने पर जनवरी 22 तक सारा पैसा लौटाने की बात कही और फिर मुकर गया। पीड़ित ने थाना जाने की धमकी दी तो छेड़खानी के आरोप में फंसाने की धमकी दी। एएसआइ ने जब जांच के सिलसिले में थाना बुलाकर पूछताछ की तो उन पर पैसा लेकर उसे फंसाने का आरोप मढ़ दिया। इतना ही नहीं एएसआइ को धमकाते हुए पुलिस के आलाधिकारियों से उनकी संपत्ति की जांच तक कराने की बात कही। इसके बाद डीआइजी के कड़े निर्देश के बाद लगातार पीछे पड़ी पुलिस ने उसे धर दबोचा।

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